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हिमाचल सीमेंट कंपनी विवाद- बैठक फिर बेनतीजा, दाम पर ट्रक ऑपरेटर्स अड़े

कंपनी प्रबंधन ने साढ़े आठ रुपए और दस रुपए रखा रेट

शिमला। हिमाचल में सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटर के बीच विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है। सरकार के साथ कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स की बातचीत फिर बेनतीजा रही है। बैठक में कंपनी प्रबंधन ने साढ़े आठ रुपए और दस रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर भाड़ा देने का प्रस्ताव रखा। वहीं, ट्रक ऑपरेटर्स बोले 10.70 रुपए से कम रेट नहीं लेंगे।

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बता दें कि पिछले दो महीने से चल रहा सीमेंट विवाद सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। सीमेंट विवाद सुलझने के बजाय और उलझ गया है। ट्रांसपोर्टरों और अडानी समूह प्रबंधन के साथ कई दौर की बैठकों के बावजूद भी रेट पर सहमति नहीं बन पाई है। आज फिर से सरकार के साथ अदानी समूह के प्रबंधकों एवं ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक आयोजित की गई, लेकिन विवाद नहीं सुलझ पाया।

 

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ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अडानी अपनी मनमानी कर रहा है और तय दाम से कम रेट दे रहा है, जो उनको मान्य नहीं है। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि ₹13.20 पैसे के हिसाब से प्रति किलोमीटर रेट होना चाहिए, लेकिन सरकार की मध्यस्थता के बाद ट्रांसपोर्टर 10 रुपए 70 पैसे प्रति किलोमीटर की दर पर मान गए थे। बावजूद अब अडानी समूह इससे भी कम 8.30 रुपए से दस रुपये देने की बात कर रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है।

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यदि ट्रांसपोर्टरों को 6 महीने भी ट्रक खड़े करने पड़े तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। उनका अडानी के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। अडानी जब तक मांगें नहीं मानता है, सीमेंट प्लांट नहीं चलने दिए जाएंगे। वहीं, बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग हुई है। कल भी सीएम की मीटिंग हुई। अडानी कंपनी के सीईओ हिमाचल आए हैं। दोनों पार्टी से चर्चा हुई, लेकिन बेनतीजा रही।

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प्रबंधन ने रेट 10 रुपए से कम बताए हैं, जोकि कम है। सरकार मध्यस्थ के रूप में काम कर रही हैं। ट्रक ऑपरेटर के हित देखना सरकार की जिम्मेदारी है। सीमेंट कंपनियों के बंद होने से सरकार को प्रतिदिन दो करोड़ का लॉस हो रहा है। सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही है।

 

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