नाहन। हिमाचल के सिरमौर जिला में बड़ा सड़क हादसा पेश आया है। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे लोगों की कार के खाई में गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है और दो लोग घायल हैं। घायलों को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है। हादसा सिरमौर जिले में सोलन-मीनस सड़क पर जुनैली के पास हुआ है।
बता दें कि शिमला जिला की कुपवी तहसील के पुजारली गांव के लोग कार में सवार होकर शिलाई के पनोग जा रहे थे। लोग रिश्तेदारी में किसी के अंतिम संस्कार में जा रहे थे। जुनैली के पास चालक कार से नियंत्रण खो बैठा और कार खाई में जा गिरी। हादसे के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और लोगों को खाई से निकालने में जुट गए। पुलिस को भी मामले की सूचना दी गई।
हादसे में नरिया राम (55) पुत्र रामियाराम, मनीषा (25) पत्नी संतोष शर्मा, दुर्मा देवी (58) पत्नी नैन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। संतोष शर्मा (28) पुत्र नरियाराम और बिमला देवी(48) पत्नी नरिया राम घायल हो गए। घायलों को हरिपुरधार अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उन्हें आईजीएमसी रेफर कर दिया गया। डीएसपी पांवटा साहिब मानवेंद्र सिंह ठाकुर ने हादसे की पुष्टि की है।
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के तीसा में शुक्रवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 6 पुलिस जवानों का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इनमें पांच जवान कांगड़ा और एक जवान चंबा जिला का निवासी था।
आज सुबह जब जवानों की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो चीख-पुकार मच गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। गांवा वालों और नेताओं ने जवानों के अंतिम संस्कार में पहुंच कर उनको श्रद्धांजलि दी साथ ही परिजनों को ढांढस बंधाया।
नूरपुर के वार्ड नंबर 3 निवासी राकेश गौरा (48) का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राकेश गोरा को उनके पुत्र पीयूष (18) ने मुखाग्नि दी। राकेश गोरा द्वितीय इंडियन रिजर्व बटालियन सकोह जिला कांगड़ा में तैनात थे।
राकेश के घर में उनकी बूढ़ी मां दयावन्ति (90), पत्नी सुलेखा और बेटा पीयूष (18) है। राकेश गोरा की पत्नी पुलिस विभाग बिलासपुर में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। राकेश गोरा के एक बड़े भाई भी हैं, जोकि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
जवाली विधानसभा क्षेत्र के नगरोटा सूरियां की पंचायत खब्बल के कांस्टेबल कमलजीत परिवार का इकलौता बेटे थे। पिता अर्जुन सिंह के देहांत के बाद उनके कंधों पर 92 वर्षीय दादी लीलावती, माता कमलेश कुमारी (62), पत्नी अनिता (36), बेटा रुध्रप्रताप (12) और बेटी दिव्यांशी (9) के पालन पोषण का जिम्मा था। कमलजीत के पिता भाजपा के कर्मठ नेता के साथ स्थानीय पंचायत के प्रधान भी रह चुके थे।
गगल के इच्छी गांव के कांस्टेबल लक्ष्य (25) के परिजन अगले साल उनके सिर सेहरा बांधने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि शादी को लेकर संजोए गए सपने मातम में बदल जाएंगे। लक्ष्य बीते माह तीन से 14 जुलाई तक अपने घर आए थे।
इस दौरान उसने अपने दोस्तों और सगे संबंधियों के साथ खुशी के पल बांटे थे। माता नीतू और भाई सिद्धांत मोगरा का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता पवन मोंगरा ने बताया कि लक्ष्य दो साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे। कांगड़ा विधानसभा के विधायक पवन काजल ने भी लक्ष्य को श्रद्धांजलि दी।
उपमंडल देहरा के ढलियारा पंचायत के वार्ड नंबर चार के निवासी कांस्टेबल सचिन राणा वर्ष 2016 में पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्ष 2015 में ढलियारा कॉलेज से बीबीए पास सचिन 20 जुलाई को अपनी शादी की पहली वर्षगांठ मनाने घर आए थे और 2 अगस्त को ड्यूटी पर वापस लौटे थे।
सचिन राणा के पिता मोहिंद्र सिंह राणा असम रायफल में सूबेदार रैंक पर तैनात हैं। वह आजकल शिलांग (मेघालय) में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह भी इसी माह 2 अगस्त को छुट्टी काटकर गए थे। सचिन राणा की पत्नी सपना चंडीगढ़ में निजी कंपनी में आर्किटेक्ट के पद पर कार्यरत है।
सचिन राणा की एक बहन है। बहन की शादी नवंबर तय है। देहरा के विधायक होशियार सिंह ने इस घटना पर दुख प्रकट किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया ने भी हादसे पर दुख प्रकट किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
जवाली की ग्राम पंचायत कैहरियां से कांस्टेबल अभिषेक (28) वर्ष 2016 में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे और द्वितीय बटालियन सकोह में कार्यरत थे। अभिषेक बैरागढ़ पोस्ट पर तैनात थे।
अभिषेक के पिता जल शक्ति विभाग में बतौर फीटर कार्यरत हैं जबकि माता सुदेश कुमारी गृहिणी है। मृतक अभिषेक का एक छोटा भाई विनय और एक बहन आकृति है।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, भाजपा नेता संजय गुलेरिया, कैहरियां पंचायत प्रधान राजेश कुमारी, उपप्रधान गोवर्धन सिंह, केवल सिंह और दिनेश निखिल ने इस घटना पर दुख जताया है और परिवार के साथ संवेदना प्रकट की है।
चंबा जिला के डलहौजी के ओसल निवासी हेड कांस्टेबल प्रवीण टंडन के घर में उनके माता-पिता, पत्नी व 13 वर्ष का बेटा और अढ़ाई वर्ष की बेटी है। प्रवीन टंडन मुख्य आरक्षी के पद पर पदोन्नत होने के बाद इन दिनों सैकेंड आइआरबी बटालियन में कार्यरत थे।
इन दिनों जिला के सीमांत क्षेत्र में प्रहरी के तौर पर तैनात थे। ओसल पंचायत के ओसल गांव का प्रवीन टंडन पांच भाई- बहनों में सबसे बड़े थे। प्रवीण का बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ता है।
बता दें कि हिमाचल के चंबा जिला के तीसा में टाटा सूमो हादसा गहरे जख्म दे गया है। हादसे में अपने जवानों को खोने से पुलिस भी दुखी है। हादसे में 6 पुलिस जवानों सहित 7 लोगों की जान गई है। साथ ही तीन पुलिस जवानों सहित चार लोग घायल हैं। मृतक पुलिस जवानों में से पांच कांगड़ा जिला से संबंधित हैं। एक पुलिस जवान चंबा जिला का है।
वहीं, कांस्टेबल सचिन पुत्र परस राम निवासी पालमपुर, कांस्टेबल अक्षय चौधरी पुत्र राजेश कुमार निवासी बैजनाथ कांगड़ा, हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार पुत्र चमन सिंह निवासी चंबा घायल हुए हैं।
स्थानीय निवासी पंकज कुमार पुत्र जन्म सिंह निवासी मंगली चुराह चंबा भी घायल है। सूमो में 9 इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) के जवानों सहित 11 लोग सवार थे।
ये सभी जवान द्वितीय इंडियन रिजर्व बटालियन सकोह जिला कांगड़ा में तैनात थे। आईआरबी जवान लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग से लौट रहे थे।
यह टाटा सूमो बटालियन ने हायर की थी। तीसा-बैरागढ़ सड़क मार्ग पर तरवाई पुल के पास पहाड़ी से गिरी चट्टान की चपेट में टाटा सूमो आ गई और अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी और नदी में जा पहुंची।
धर्मशाला।हिमाचल के चंबा जिला के तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर हुई सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले हिमाचल प्रदेश पुलिस के वीर जवान लक्ष्य मोंगरा का अंतिम संस्कार शनिवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने अंत्येष्टि में सम्मिलित हो, वीर जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने परिवार के लोगों से मिलकर ढांढस बांधा और अपनी दिली संवेदनाएं प्रकट की।
पुलिस के अधिकारी, जवानों व क्षेत्र के लोगों ने दिवंगत जवान को श्रद्धासुमन अर्पित कर नम आंखों से विदाई दी। इंडियन रिजर्व बटालियन धर्मशाला सकोह के 21 वर्षीय जवान लक्ष्य मोंगरा जिला कांगड़ा के गांव इच्छी के रहने वाले थे। डीसी ने कहा कि तीसा में हुए हृदयविदारक हादसे में हिमाचल प्रदेश पुलिस के जवानों की दुःखद मृत्यु से पूरा प्रदेश शोकग्रस्त है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस जवान निर्भय, निष्पक्ष और सत्यनिष्ठ होने के साथ-साथ सेवा भाव के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने कहा तीसा में हुई दुर्घटना में जिला कांगड़ा के पांच पुलिस जवानों का जाना उन परिवारों के साथ पूरे जिले के लिए कष्टदायी है। शोक की इस घड़ी में उन्होंने सभी जवानों को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद डीसी ने डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल टांडा में जाकर तीसा सड़क दुर्घटना में घायल हुए जवान अक्षय चौधरी का कुशलक्षेम जाना। कांस्टेबल अक्षय चौधरी जिला कांगड़ा की तहसील बैजनाथ के मझेरना के रहने वाले हैं। डीसी ने पुलिस जवान के उपचार में लगी डाक्टर्स की टीम से उपचार संबंधी पूरी जानकारी प्राप्त की और घायल जवान के मनोबल को बढ़ाया।
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल भी उपस्थित रहे। डॉ. निपुण जिंदल ने इस दौरान पिछले दिनों बड़ा भंगाल से एयरलिफ्ट किए हुकम सिंह से भेंट कर उनका हाल भी जाना। डॉ. निपुण जिंदल ने कछियारी का दौरा कर वहां भारी बरसात के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग को हुई क्षति का भी अवलोकन किया।
उन्होंने इस दौरान एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कछियारी में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से को जल्द से जल्द ठीक करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि भारी बरसात के चलते जिले में कईं स्थानों पर सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिल रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और एनएचएआई समेत अन्य विभागों की टीम सड़क मार्गों को दुरुस्त करने के लिए दिन-रात जुटीं हुई हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि ऐसी स्थिति में अनावश्यक यात्राओं से परहेज करें और बरसात रुकने तक धैर्य बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि लोग इस दौरान नदी-नालों के किनारे न जाएं और किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के तीसा में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले नूरपुर निवासी सब इंस्पेक्टर राकेश गोरा का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हादसे में राकेश गोरा (49) पुत्र जयचंद निवासी वार्ड नंबर 3, मोहल्ला चौगान नूरपुर की दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।
राकेश की पार्थिव देह को शुक्रवार देर रात पोस्टमार्टम के बाद चंबा से नूरपुर लाया गया था। शनिवार सुबह राकेश गोरा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राकेश गोरा को उनके पुत्र पीयूष (18) ने मुखाग्नि दी।
राकेश गोरा द्वितीय इंडियन रिजर्व बटालियन सकोह जिला कांगड़ा में तैनात थे। राकेश के घर में उनकी बूढ़ी मां दयावन्ति (90), पत्नी सुलेखा (जो पुलिस विभाग बिलासपुर में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं) और बेटा पीयूष (18) है। राकेश गोरा का एक बड़ा भाई भी है जो कि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
गौर हो कि जिला चंबा के तीसा-बैरागढ़ रोड पर टाटा सूमो तरवाई नामक स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो कर साथ में बहती सियोल नदी में जा गिरी। गाड़ी में सवार 11 लोगों में से 7 की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रदेश सरकार की तरफ से पूर्व विधायक अजय महाजन, विधायक रणवीर सिंह निक्का प्रशासन की तरफ से बटालियन के एसपी खुशहाल चंद, पुलिस जिला नूरपुर के एसपी अशोक रत्न व एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह सहित अन्य पुलिस के जवानों ने राकेश गोरा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रदेश सरकार की तरफ से पूर्व विधायक अजय महाजन ने राकेश गोरा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नूरपुर ने एक होनहार और ईमानदार पुलिस कर्मचारी को खोया है। इससे पूरा नूरपुर गमगीन है। सरकार ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
नूरपुर विधायक रणवीर सिंह निक्का ने राकेश गोरा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राकेश बहुत अच्छे छवि के और मिलनसार व्यक्ति थे। उनकी मौत से पूरा नूरपुर शहर दुख में डूबा हुआ है। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।
धर्मशाला। मेघालय में हाथियों के हमले में जान गंवाने वाले जिला कांगड़ा के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के परगोड़ के BSF जवान विजय कुमार का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने शुक्रवार को जिला कांगड़ा के शाहपुर हलके से संबंध रखने वाले BSF जवान विजय कुमार के अंतिम संस्कार में शिरकत कर, उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
बता दें कि शाहपुर के चंगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत परगोड़ के रहने वाले विजय कुमार बीएसएफ में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इन दिनों वे मेघालय में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। नौ अगस्त को मेघालय में ड्यूटी के दौरान हाथियों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनका निधन हो गया।
शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव में लाया गया, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार सहित क्षेत्र के लोगों ने वीर जवान को नम आंखों से विदाई दी।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने वीर जवान विजय कुमार की अंत्येष्टि में शामिल होकर परिवार के लोगों से अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए उनका ढांढस बांधा। डीसी ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले वीर जवानों के हम सदैव ऋणी रहेंगे।
बता दें कि कांगड़ा जिला के विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के अधीन परगोड़ पंचायत का एक बीएसएफ जवान मेघालय में शहीद हुआ। वहां पर हाथियों के झुंड ने बीएसएफ के जवानों पर हमला कर दिया था।
9 अगस्त को विजय कुमार (41) पुत्र सागर सिंह वर्धन साथी के साथ बाइक से दक्षिण गारो हिल्स में नीलवाग्रे गांव के पास ड्यूटी के लिए जा रहे थे। उनकी ड्यूटी एसजीएच पर थी।
वे डूमडोमा से नीलवाग्रे सीमा चौकी (बीओपी) की ओर बढ़ रहे थे। यह इलाका भारत और बांग्लादेश के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ता है। यहां जाने के दौरान रास्ते में जंगली और सुनसान इलाका है।
दोनों यहीं से गुजर रहे थे, तभी जंगली हाथियों के झुंड ने उनके ऊपर हमला कर दिया। विजय कुमार के दोस्त जान बचाने में कामयाब रहे जबकि विजय कुमार हिंसक हाथियों के हमले का शिकार हुए और उनकी मौत हो गई।
कॉन्स्टेबल विजय कुमार के शरीर पर गंभीर चोटें आईं। शोर सुनकर आस-पास के स्थानीय लोगों ने दौड़कर उन्हें बचाया। उन्हें पास के सिबबारी पीएचसी में भर्ती कराया। हालांकि सिबबारी पीएचसी के डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कॉन्स्टेबल विजय कुमार बीएसएफ की 181 बटालियन में तैनात थे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। हालांकि, वीडियो को लेकर किसी तरह की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वीडियो में बीएसएफ का जवान तेजी से भागता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं हाथी भी तेजी से उसके पीछे भाग रहा है। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है। हाथी की तेज आवाज ही सुनाई दे रही है।
शहीद विजय कुमार (41) पुत्र सागर सिंह वर्धन वर्ष 2002 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। विजय कुमार मौजूदा समय में मेघालय में बतौर हवलदार कार्यरत था। विजय की शहादत की सूचना परिवार को मिली तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद विजय कुमार 20 दिन पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटा था। शहीद के पिता सूबेदार सागर सिंह बीएसएफ से सेवानिवृत्त हैं जबकि माता स्वर्णा देवी गृहिणी है।
शहीद विजय कुमार के घर में माता-पिता, पत्नी सुलक्षणा (37) व तीन बेटियां कुमकुम (15) शगुन (12) व सहज (4) हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार शहीद विजय कुमार की पार्थिव देह मेघालय से हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली पहुंचाई गई है। शुक्रवार को पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंची जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शिमला। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में दुश्मनों के साथ लोहा लेते शहीद हुए सिपाही पवन कुमार का अंतिम संस्कार गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ कर दिया गया है। शहीद पवन कुमार की पार्थिव देह गुरुवार सुबह जब रामपुर पहुंची तो हर तरफ पवन कुमार अमर रहे के नारे गूंज उठे। शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए रामपुर में जनसैलाब उमड़ पड़ा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं लोक सभा सांसद प्रतिभा सिंह, स्थानीय विधायक नंद लाल सहित स्थानीय प्रशासन एवं आर्मी के अधिकारी भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
रामपुर में सैकड़ों लोगों ने शहीद पवन कुमार धंगल को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव देह करीब 2:30 बजे पैतृक गांव पिथवी में पहुंची। यहां पर शहीद के परिजनों और गांव वालों ने नम आंखों से वीर जवान को अंतिम विदाई दी। इसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद पवन कुमार का अंतिम संस्कार किया गया।
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला स्थित रामपुर की किन्नु पंचायत के पिथवी गांव का जवान पवन कुमार दंगल पुलवामा में 28 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद हुआ है। 26 वर्षीय पवन कुमार 55वीं राष्ट्रीय राइफल ग्रेनेडियर में बतौर सिपाही तैनात था। वह 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। पवन घर का इकलौता चिराग था। पिता शिशुपाल लोक निर्माण विभाग में कार्यरत हैं, जबकि माता भजन दासी गृहिणी हैं। बहन प्रतिभा की शादी हो चुकी है।
पवन के शहीद होने की सूचना मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां रोजाना की तरह खेत में काम कर रही थी, जबकि पिता अपनी ड्यूटी पर गए थे। बेटे की शहादत की खबर से दोनों को ही कुछ समय के लिए सदमा सा लग गया। खबर मिलते ही पवन के पिता व अन्य सदस्य जम्मू-कश्मीर के लिए निकल गए। बुधवार को सेना की तरफ से शहीद को अंतिम विदाई दी गई जिसके बाद पार्थिव देह चंडीगढ़ के लिए रवाना की गई।
जनवरी में पवन के चचेरे भाई की मौत हो गई थी। इस दौरान वह छुट्टी पर घर आया था। 7 फरवरी को ही पवन ड्यूटी के लिए वापस लौटा था। इस दौरान उसने जल्द छुट्टी पर आने की बात कही थी, लेकिन उसे क्या पता था कि अब वह कभी घर लौटेगा तो तिरंगे में लिपट कर। ewn24news choice of himachal भारत मां की सेवा में शहीद पवन कुमार को सलाम करता है।
हमीरपुर। एनडीआरएफ की नौंवीं बटालियन पटना में इंस्पेक्टर (रेडियो ऑपरेटर) के पद पर तैनात जिला हमीरपुर के गांव बलेटा कलां के हंसराज शर्मा का कैंसर से देहावसान हो गया। उनका नई दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित एक्शन कैंसर अस्पताल में उपचार चल रहा था। शनिवार को गांव बलेटा कलां के श्मशान घाट पर उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
31 दिसंबर 1968 को जन्मे हंसराज शर्मा 31 अगस्त 1987 को सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हुए थे। 23 जून 2016 को वह डेपुटेशन पर एनडीआरएफ में चले गए थे और नौंवीं बटालियन पटना में तैनात थे। कैंसर से पीड़ित हंसराज शर्मा का पिछले काफी समय से उपचार चल रहा था।
उनके देहावसान की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग के अधिकारी और कांगड़ा जिले के जसूर में स्थित एनडीआरएफ की 14वीं बटालियन की एक टुकड़ी सहायक कमांडेंट (जीडी) अनिल मुदगिल की अगुवाई में हमीरपुर जिले के गांव बलेटा कलां के लिए रवाना हो गई। एनडीआरएफ की इस टुकड़ी ने सैन्य सम्मान के साथ हंसराज शर्मा को अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।