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हिमाचल : गृह रक्षकों को दैनिक भत्ता, रैंक अलाउंस भी बढ़ेगा-लता मंगेशकर के नाम संगीत विवि

शिमला। हिमाचल में गृह रक्षकों को दैनिक भत्ता मिलेगा। जिला और प्रदेश के बाहर पर गृह रक्षकों को दैनिक भत्ता दिया जाएगा। साथ ही गृहरक्षक विभाग के अधिकारियों का रैंक अलाउंस भी बढ़ेगा।

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यह घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में की। इसके अलावा लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि योजना के तहत मिलने वाली राशि भी बढ़ाई गई है। अब 8 हजार रुपए की जगह 12 हजार और 12 हजार की जगह 20 हजार मिलेंगे।

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मुख्यमंत्री ने स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर के नाम पर संगीत महाविद्यालय स्थापित करने का भी ऐलान किया है। साथ ही लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए गायन क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले कलाकारों को सम्मान राशि भी दी जाएगी। हिमाचल में रोजगार मेलों का भी आयोजन होगा।

ब्रेकिंग : आउटसोर्स, SMC और IT टीचर का भी मानदेय बढ़ा, दिहाड़ी में बढ़ोतरी

हिमाचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर, सिलाई अध्यापिका, वाटर कैरियर, जल रक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में 1700 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं प्रतिमाह 9 हजार मिलेंगे। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में 900 रुपए की बढ़ोतरी के साथ अब उनको 6100 प्रतिमाह मिलेंगे।

आंगनबाड़ी सहायिका के मानदेय में 900 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 4700 प्रतिमाह मिलेंगे। आशा वर्कर के मानदेय में 1825 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 4700 तिमाह मिलेंगे। सिलाई अध्यापिकाओं का  मानेदय 900 रुपए बढ़ाया गया है। साथ ही वाटर कैरियर और जल रक्षकों का भी 900-900 रुपए बढ़ाया है।

ब्रेकिंग : हिमाचल में शराब की प्रत्येक बोतल पर लगेगा 1 रुपए अतिरिक्त सेस

हिमाचल में आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में 4,200 की प्रतिमाह वृद्धि हुई है। आउटसोर्स कर्मियों को अब 10,500 न्यूनतम वेतन मिलेगा मिलेगा। इसके अलावा एसएससी शिक्षकों के मानदेय में 1 हजार प्रति माह बढ़ोतरी की है। साथ ही इनकी सेवाओं को यथावत रखने का फैसला लिया है। यानी एसएमसी अध्यापक जहां हैं, वहां रहेंगे।

हिमाचल : गृह रक्षकों को दैनिक भत्ता, रैंक अलाउंस भी बढ़ेगा-लता मंगेशकर के नाम संगीत विवि

इसके अलावा इनके लिए नीति बनाई जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में की। हिमाचल में आईटी टीचर के मानदेय में एक हजार की बढ़ोतरी की है। हिमाचल में दिहाड़ी भी 50 रुपए बढ़ा दी है। अब 350 रुपए दिहाड़ी मिलेगी।

पैरा फिटर और पंप ऑपरेटर के मानदेय में भी 900 बढ़ोतरी की है। पंचायत चौकीदार का मानदेय भी 900 रुपए बढ़ाया है। इनके लिए नीति भी बनाई जाएगी। राजस्व चौकीदार और राजस्व लंबरदार के मानदेय में भी 900 रुपए बढ़ोतरी की है। एसपीओ का मानदेय भी 900 रुपए प्रतिमाह बढ़ाया है।

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लता दीदी के बाद म्यूजिक इंडस्ट्री ने खोए बप्पी दा, अनमोल थी ‘मां-बेटे’ की जोड़ी

पहले कंपोजिशन को आवाज दी थी लता मंगेशकर ने ही दी थी आवाज

मुंबई। स्वरकोकिला लता मंगेशकर के निधन को दो हफ्ते भी पूरे नहीं हुए थे कि भारत में डिस्को म्यूजिक को नई पहचान देने वाले महान गायक और कंपोजर बप्पी लहरी दुनिया को अलविदा कह गए। 69 साल की उम्र में उन्होंने बुधवार को मुंबई स्थित क्रिटीकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। इसी के साथ देश ने संगीत क्षेत्र की दिग्गज ‘मां-बेटे’ की जोड़ी को खो दिया। दिवंगत स्वरकोकिला को बप्पी दा का बड़ा सपोर्ट सिस्टम माना जाता था। लता मंगेशकर ने ही बंगाली फिल्म ‘दादू’ में उनके पहले कंपोजिशन को आवाज दी थी। 6 फरवरी को लता मंगेशकर के निधन से दुखी बप्पी दा ने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पुरानी और बेहद खास तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने ‘मां’ लिखा था।

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बप्पी लहरी के निधन की खबर से हर कोई दुखी है। उनके निधन की खबर से बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर है। वहीं इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर नेता, कलाकार और उनके फैंस बप्पी दा को श्रद्धांजलि दे रहा है। बॉलीवुड को डिस्को म्यूजिक देने वाले बप्पी लहरी ने म्यूजिक के गाने आज भी हर किसी के जुबान पर हैं। बप्पी लहिरी का जन्म 27 जनवरी 1952 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था।

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उनके पिता, अपरेश लाहिरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंसारी लाहिरी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। बप्‍पी ने महज 19 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बंगाली फिल्मों के अलावा हिंदी फिल्मों में भी अपना हुनर दिखाया। 1985 में उन्हें फिल्म शराबी के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था। इसके अलावा बप्पी लहरी को साल 2018 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी दिया गया था। 2018 में ही बप्पी लहरी को मिर्ची म्यूजिक अवॉर्ड लाइफटाइम अचीवमेंट कैटेगरी में मिला।

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बप्पी लहरी 1975 (पचहतर) में आई फिल्म जख्मी में अपने मजेदार म्यूजिक को देने की वजह से सबसे ज्यादा फेमस हुए। उन्होंने 70 के दशक में बॉलीवुड में एंट्री की थी, जिसके बाद से उनके जितने भी गाए हुए गाने थे वो सुपरहिट हुए जा रहें थे। उन्होंने अपने करियर में कई गाने गाए जैसे कि ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा, इसके अलावा भी कई ऐसे गाने थे जो कि लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर देते थे। साल 2020 में फिल्म ‘बागी 3’ में उनका आखिरी बॉलीवुड गाना ‘बंकस’ था। इस तरह उनका ये दुनिया छोड़ कर चले जाना बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान है। ewn24news की ओर से बप्पी दा को विनम्र श्रद्धांजलि।

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अंतिम सफर : स्वर्ग लोक को निकलीं स्वर कोकिला, पंचतत्व में विलीन

भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता दीदी को दी मुखाग्नि

मुंबई। भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर पंचतत्व में विलीन हो गई हैं। पूरे देश ने नम आंखों से लता जी को श्रद्धांजलि दी। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ। अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान, आमिर खान, अनुपम खेर, लिरिसिस्ट जावेद अख्तर सहित पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी पहुंचे थे। गोधुली बेला में सशस्त्र सलामी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर का अंत‍िम संस्कार किया गया। भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता मंगेशकर को मुखाग्नि दी।

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जल, थल और वायु सेना के अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता-राजनेता, बॉलीवुड और स्पोर्ट्स के सेलेब्स ने मिलकर लता मंगेशकर को आखिरी अलविदा कहा। लता मंगेशकर के अंत‍िम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच चुके हैं। उन्होंने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्प‍ित की। इस दौरान उनकी बहनें उषा, आशा, मीना मौजूद थीं।

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इससे पहले मुंबई के हजारों लोग लता ताई को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उतर आए। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क लाया गया। यहां परअभिनेता आमिर ख़ान, रणबीर कपूर, संगीतकार शंकर महादेवन ने शिवाजी पार्क पहुंचकर भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। अभिनेता शाहरुख ख़ान और  क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी।

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लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में करीब 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं।

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। साल 1942 में 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पहला गाना गया। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

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लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।

कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। लता जी का दुनिया से जाना हर किसी के लिए दुखद है। ewn24news की तरफ से पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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सोशल मीडिया पर लता मंगेशकर की ये थी आखिरी पोस्ट, पिता का किया था याद

हमेशा पिता को ही देती थीं कामयाब का श्रेय

मुंबई। भारतीय सिनेमा और संगीत के क्षेत्र में बड़ा नाम स्वर कोकिला लता मंगेशकर करोड़ों आंखों में आंसू देकर आज इस दुनिया को अलविदा कह गईं। लता जी का जाना ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि देश और दुनिया में मौजूद उनके करोड़ों फैंस के लिए एक गहरा सदमा है। पूरा देश स्वर कोकिला के निधन का शोक मना रहा है। 92 साल की उम्र में भी लता जी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थीं।

लता मंगेशकर अपने पिता और दिग्गज संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के काफी करीब थीं और अपनी कामयाब का श्रेय हमेशा उन्हें देती रहीं। इसका अंदाजा सोशल मीडिया पर उनकी आखिरी पोस्ट से लगाया जा सकता है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती होने से पहले एक जनवरी को लता जी ने सोशल मीडिया पर अपना एक थ्रो-बैक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वो अपने पिता को याद कर भावुक होती नजर आ रही हैं।

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यह वीडियो किसी कार्यक्रम का है और लता अपने पिता के बारे में बात कर रही हैं। वीडियो में बेहद विनम्रता के साथ लता कहती हैं, “मेरे पूज्य पिताजी इतनी बड़ी दुनिया में हमें अकेला छोड़कर चले गये। परंतु मैंने उन्हें हमेशा ही अपने पास पाया है। कई बार मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे पास बैठे हैं, मुझे गाना सिखा रहे हैं। अगर कभी मुझे किसी बात का डर लगता था तो मुझे लगता था कि वो मेरे सिर पर हाथ रखकर कह रहे हैं- डरो नहीं लता, मैं हूं। इसी तरह हमारे पचास वर्ष गुजरे हैं।

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अगर वो मेरे पास नहीं होते तो सोचिए मुझ जैसी बहुत ही छोटी-सी गायिका, क्या उसे इतनी शोहरत, इज्जत मिलती। यह उनका आशीर्वाद है, जो मुझे इतना नाम मिला है।”

दीनानाथ मंगेशकर मराठी एक्टर और शास्त्रीय संगीतकार थे। लता मंगेशकर उनकी सबसे बड़ी संतान थीं। दीनानाथ मंगेशकर का निधन महज 42 साल की उम्र में हो गया था। लता उस वक्त सिर्फ 13 साल की थीं। लता को अपने पिता का साथ भले ही ज्यादा ना मिला हो, मगर लता के व्यक्तित्व पर उनकी पूरी छाप देखी जा सकती है। लता जी ने सोशल मीडिया पर पिता की कई यादें शेयर की हैं।

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इसलिए ताउम्र शादी नहीं कर पाईं लता मंगेशकर, खुद किया था खुलासा

जिम्मेदारियों को निभाने की वजह से नहीं कर सकीं विवाह

मुंबई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने शादी नहीं की है। जिम्मेदारियों की वजह से वह ताउम्र शादी नहीं कर पाईं। इस बात का खुलासा लता मंगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू में किया था। बता दें कि जब लता मंगेशकर 13 वर्ष की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया। वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। ऐसे में सारी जिम्मेदारी उनके सिर पर आ गई।

इसी वजह से उन्हें पढ़ाई भी बीच में छोड़नी पड़ी। घर की जिम्मेदारी निभाते-निभाते वह शादी नहीं कर पाईं। कई बार उन्होंने सोचा भी पर इस पर अमल नहीं कर सकीं।इस बात का खुलासा लता मंगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि वह 13 साल की थीं जब उनके पिता का निधन हो गया था। घर की सारी जिम्मेदारियों उन पर आ गईं। वह कम उम्र में कमाने लग गईं थीं।

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पिता के निधन के बाद लता मंगेशकर ने घर की जिम्मेदारी निभाने के लिए बाहर कदम रखा। इसी वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई भी बीच में छोड़ने पड़ी। लता मंगेशकर घर की जिम्मेदारियां निभाने की वजह से ही शादी नहीं कर पाईं। इस बात का खुलासा खुद उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने सोचा कई बार था लेकिन अमल नहीं कर पाईं। भाई-बहनों और  घर की जिम्मेदारियों को देखते-देखते ही वक्त चला गया और वे ताउम्र शादी नहीं कर पाईं।

बता दें कि लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी एक्टर और शास्त्रीय संगीतकार थे। लता मंगेशकर उनकी सबसे बड़ी संतान थीं। दीनानाथ मंगेशकर का निधन महज 42 साल की उम्र में हो गया था। लता उस वक्त सिर्फ 13 साल की थीं।

 

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जब लता मंगेशकर ने पुरस्कार लेने से कर दिया था इनकार, पढ़ें क्या है किस्सा

मुंबई। दीदी स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं रहीं। वह हमेशा गीतों में जिंदा रहेंगी। लता मंगेशकर सुरों की धनी ही नहीं थीं, बल्कि एक ऊंची सोच और सबका ख्याल रखने वालीं थीं। उनसे जुड़े एक किस्से के बारे में हम आपको बताते हैं। नए गायकों का लता मंगेशकर कितना ख्याल रखती थीं, इस किस्से से पता चलता है। लता मंगेशकर को 1959, 63, 66 और 70 में फिल्म फेयर अवार्ड के लिए चुना गया था। पर 1970 के फिल्मफेयर अवार्ड शो में लता मंगेशकर ने सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह कहते हुए मना किया कि मेरी जगह अब नए गायकों को पुरस्कार दिया जाना चाहिए।

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बता दें कि आज सुबह हिंदी सिनेमा और म्यूजिक इंडस्ट्री से बड़ी दुखद खबर आई है। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर निधन हो गया। 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है। लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था।

 

ऐसा था लता मंगेशकर का 78 साल का सफर

लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में करीब 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था।

साल 1942 में 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पहला गाना गया। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं, ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।

लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक, शिवाजी पार्क में आज होगा अंतिम संस्कार 

कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं।

इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे। लता जी का दुनिया से जाना हर किसी के लिए दुखद है। ewn24news की तरफ से पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक, शिवाजी पार्क में आज होगा अंतिम संस्कार

दो दिनों तक आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज

मुंबई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर (92) का रविवार सुबह निधन हो गया और ये शोक समाचार सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया। सोशल मीडिया पर लता जी को श्रद्धांजलि का सिलसिला सुबह से चल रहा है। केंद्र सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा है। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार आज शिवाजी पार्क में होगा। लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर आज उनके पेडार रोड स्थित आवास प्रभु कुंज में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें 4.30 बजे शिवाजी पार्क लाया जाएगा। शिवाजी पार्क में आज शाम उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं, ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

स्वर कोकिला के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक के साथ उन्हें सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुका रहेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, “लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।”

कांगड़ा: मेडिकल, नॉन मेडिकल पास युवाओं को नौकरी का मौका, होंगे कैंपस इंटरव्यू

पीएम मोदी ने लिखा, “मेरी पीड़ा शब्दों से परे है। दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। वे हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है, जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी। लता दीदी के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को उभारा। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा।

फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थी। मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे हमेशा लता दीदी से अपार स्नेह मिला है। उनके साथ मेरी बातचीत अविस्मरणीय रहेगी। लता दीदी के निधन पर मुझे अपने साथी भारतीयों के साथ शोक है। उनके परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की। ”

लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में करीब 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं।

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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। साल 1942 में 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पहला गाना गया। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।

कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे। लता जी का दुनिया से जाना हर किसी के लिए दुखद है। ewn24news की तरफ से पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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स्वर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं, ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

कोरोना के साथ निमोनिया से लड़ रही थीं जंग

मुंबई। हिंदी सिनेमा और म्यूजिक इंडस्ट्री से बड़ी दुखद खबर आई है। सुर साम्राज्ञी, स्वर कोकिला “भारत रत्न”  लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है। लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है।

लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था।

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उनकी उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट किया था तब से वह लगातार संघर्ष ही कर रही थीं। इलाज के दौरान बस 2 दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर से हटाया गया था। फिर जैसे ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी फिर से लता को वेंटिलेटर सपोर्ट पर लाया गया था। सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। सोशल मीडिया पर लता मंगेशकर के निधन की खबर सुन फैंस और सेलेब्स शॉक्ड हैं। सभी सिंगर की आत्मा को शांति मिलने की दुआ कर रहे हैं।

आज हर भारतीय की आंखों में आंसू है। लता मंगेशकर की सुरीली आवाज अब हमेशा के लिए मौन हो गई है। ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर के निधन से देश की कला और संस्कृति जगत की बहुत बड़ी क्षति है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई नेता और बॉलीवुड कलाकार सोशल मीडिया के माध्यम से लता मंगेशकर के निधन पर शोक जता रहे हैं।

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लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में करीब 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं।

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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। साल 1942 में 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पहला गाना गया। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

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लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।

कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे। लता जी का दुनिया से जाना हर किसी के लिए दुखद है। ewn24news की तरफ से पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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स्वर कोकिला लता मंगेशकर की हालत नाजुक, वेंटिलेटर पर शिफ्ट

डॉक्टर्स की एक टीम कर रही निगरानी

मुंबई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की हालत फिर नाजुक हो गई है। हालत नाजुक होने पर उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। डॉक्टर्स की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लता मंगेशकर को  मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

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बता दें कि 8 जनवरी को  स्वर कोकिला लता मंगेशकर कोरोना की चपेट में आ गई थीं। उन्हें कैडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया है। उन्हें हल्के लक्षण हैं। लता मंगेशकर 92 साल की हैं। डॉक्टर्स के अनुसार लता मंगेशकर को उम्र संबंधी भी समस्याएं हैं, जिसका इलाज किया जा रहा है। लता मंगेशकर के जल्द स्वास्थ्य होने के लिए सोशल मीडिया में दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर जारी है।

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गौरतलब है कि सात दशक लंबे करियर में लता मंगेशकर ने विभिन्न भाषाओं में 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं। साल 2001 में उन्हें ‘भारत रत्न’ दिया गया था। साल 1989 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी मिला था। लता मंगेशकर द्वारा गाए गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं।

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