मुंबई। दीदी स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं रहीं। वह हमेशा गीतों में जिंदा रहेंगी। लता मंगेशकर सुरों की धनी ही नहीं थीं, बल्कि एक ऊंची सोच और सबका ख्याल रखने वालीं थीं। उनसे जुड़े एक किस्से के बारे में हम आपको बताते हैं। नए गायकों का लता मंगेशकर कितना ख्याल रखती थीं, इस किस्से से पता चलता है। लता मंगेशकर को 1959, 63, 66 और 70 में फिल्म फेयर अवार्ड के लिए चुना गया था। पर 1970 के फिल्मफेयर अवार्ड शो में लता मंगेशकर ने सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह कहते हुए मना किया कि मेरी जगह अब नए गायकों को पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
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बता दें कि आज सुबह हिंदी सिनेमा और म्यूजिक इंडस्ट्री से बड़ी दुखद खबर आई है। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर निधन हो गया। 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है। लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था।
ऐसा था लता मंगेशकर का 78 साल का सफर
लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में करीब 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था।
साल 1942 में 13 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पहला गाना गया। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।
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लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।
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कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं।
इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे। लता जी का दुनिया से जाना हर किसी के लिए दुखद है। ewn24news की तरफ से पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि।