शिमला। हिमाचल में केंद्र सरकार का फर्जी आईजी बनकर उद्योगपतियों से जबरन वसूली मामले में हरियाणा पुलिस के दो कर्मियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को 9 दिन का पुलिस रिमांड मिला है।
मामले में हरियाणा पुलिस के कांस्टेबल रविंद्र और जेल वार्डन जसवीर को गिरफ्तार किया है। रविंद्र सोनीपत और जसवीर जगाधरी जेल यमुनानगर में तैनात है। हिमाचल के कालाअंब के एक उद्योगपति की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। आरोपियों को नाहन कोर्ट में पेश किया।
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हिमाचल के पुलिस स्टेशन भराड़ी में 6 जनवरी 2022 को करोड़ों रुपए की जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था। मामले के अनुसार आरोपी विनय अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार का आईजी बताकर 1.49 करोड़ की जबरन वसूली की है।
आरोपी हिमाचल प्रदेश के कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था। उसके साथ हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी भी अवैध रूप से जाते थे।
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जांच के दौरान यह पता चला है कि हिमाचल में दर्ज यह मामला सिर्फ हिमशैल का छोटा सा भाग है। इसकी गहन जांच की आवश्यकता है। विनय अग्रवाल के नेतृत्व वाले गिरोह ने केंद्र सरकार में आईजी होने की आड़ में हिमाचल और अन्य राज्यों के कई उद्योगपतियों से मोटी रकम की उगाही की है। जांच से पता चलता है कि यह मामला कोई सामान्य कॉलर अपराध नहीं है, बल्कि कई लिंक वाला अपराध है।
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मामले की जांच को एसआईटी गठित
इस मामले की जांच को प्राथमिकता के आधार पर अंतिम रूप देने के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी एसपी पुलिस साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में गठित की है। इसमें एसपी ईओडब्ल्यू गौरव सिंह, एसपी सीआईडी क्राइम विरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार भी शामिल हैं। इसके अलावा दो इंस्पेक्टर, दो एसआई और एक एएसआई को भी एसआईटी में शामिल किया गया है।