नाहन। सिरमौर जिला के दुर्गम उपमंडल शिलाई में कुदरत ने कहर बरपाया है। रास्त पंचायत के खिवाड़ी गांव में देर रात भूस्खलन के कारण एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई। ये परिवार रात को सो रहा था तभी इनका घर भूस्खलन की चपेट में आ गया।
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ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाई, क्योंकि सभी सड़कें बंद हैं। इस दुखद हादसे में मां और चार बच्चों की जान चली गई वहीं पिता गंभीर रूप से घायल है।
जिला सिरमौर जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान ने 5 लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि देर रात को भारी भूस्खलन से रास्त पंचायत का खीवाड़ी गांव का प्रदीप पुत्र दौलतराम का परिवार भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में परिवार के अन्य सदस्यों की भी मौत हो गई। परिवार का एक सदस्य प्रदीप गंभीर रूप से घायल है।
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मृतकों में ममता 27 वर्ष पत्नी प्रदीप कुमार, इशिता पुत्री प्रदीप कुमार 8 वर्ष, एरंग पुत्री प्रदीप कुमार 2 वर्ष, अलीशा पुत्री प्रदीप कुमार 6 वर्ष तथा प्रदीप कुमार की भांजी अंकिश निवासी हलाह 7 वर्ष शामिल हैं। इन सभी ने रात को ही दम तोड़ दिया था।
सोमवार सुबह जब एक ग्रामीण वहां से गुजरा तो उसने प्रदीप के चीखने की आवाज सुनी तथा उसने आसपास के ग्रामीणों को हादसे की सूचना दी। इसके बाद ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू किया लेकिन वह परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं बचा सके। जिला प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग के कर्मचारी तथा पुलिस मौके पर पहुंची।
इसके अलावा रविवार देर शाम जिला सिरमौर के कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं। मानगढ़ में बादल फटने से जांच सैकड़ों बीघा भूमि तथा फसलें बर्बाद हुई। यह पानी बडू साहिब इंटरनल विश्वविद्यालय के कैंपस में जा पहुंचा। जहां पर करंट लगने से एक सफाई कर्मचारी की मौत हो गई साथ ही कुछ अन्य लोग घायल हुए थे।
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इसके अतिरिक्त जामुन की सेर पंचायत के मलाना गांव में किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि भारी बारिश की चपेट में आने से बह गई है। इसी पंचायत के कन्याना गांव में पशुशाला भी बह गई है। एक व्यक्ति का मकान भी भूस्खलन की चपेट में आया है। एक जेसीबी मशीन के बाढ़ में बहने की सूचना मिली है। जिला में बिजली बोर्ड के 200 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद होने से कई पंचायतों में ब्लैक आउट हुआ है।
पांवटा साहिब शिलाई नेशनल हाईवे कच्ची बैंक के पास करीब 100 मीटर नीचे धंस गया है। जिसके चलते यह हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं नाहन शिमला नेशनल हाईवे पर बड़े-बड़े पत्थर गिरने से हाईवे पूरी तरह बाधित हुआ है। इसके अतिरिक्त जिला सिरमौर में नुकसान का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच चुका है।