शारदीय नवरात्र आज से यानी 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। सोमवार को घटस्थापना की जाएगी। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन लोग माता की चौकी, अखंड ज्योति व देवी प्रतिमा भी स्थापित करते हैं। नवरात्र में घट स्थापना का विशेष महत्व होता है। आपको बताते हैं कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और इसकी विधि के बारे में …
कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त की बात करें सोमवार को सुबह 6:11 बजे से 07:51 बजे तक कलश स्थापना किया जा सकता है। वहीं अभिजित मुहूर्त में सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 तक भी कलश स्थापना पूजा की की जा सकती है। इसके अलावा दिन में और भी कई मुहूर्त हैं जिनमें कलश या घटस्थापना की जा सकती है।
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 AM से 05:23AM तक।
- अभिजित मुहूर्त- 11:48AM से 12:36PM तक।
- विजय मुहूर्त- 02:13PM से 03:01PM तक।
- गोधूलि मुहूर्त- 06:01PM से 06:25PM तक।
- अमृत काल 12:11AM, सितम्बर 27 से 01:49 AM तक
कलश स्थापना विधि:
- कलश की स्थापना मंदिर या घर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए। मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए।
- स्नानादि करने के बाद सबसे पहले कलश स्थापना वाली जगह को गाय के गोबर से लीप लें या गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें। फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें।
- कलश में जल या गंगाजल भरें और इसमें आम का पत्ता रखें। इसके बाद कलश के ऊपर रखी जाने वाली प्लेट में कुछ अनाज भर लें और उसके ऊपर नारियाल रखें।
- साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें। चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें। इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें।
- कलश स्थापना के साथ अखंड दीपक की स्थापना भी की जाती है।
- कलश स्थापना के साथ ही पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करें।
- हाथ में लाल फूल और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करके मंत्र जाप करें और फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित करें।
- मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं। अखंड ज्योति में गाय का घी शुद्धता के साथ घर में बना घी ही बेहतर होगा।
इन तारीखों में पड़ेंगे नवरात्र के 9 दिन
- 26 सितंबर – प्रतिपदा, नवरात्र का पहला दिन
- 27 सितंबर – द्वितीया, नवरात्र का दूसरा दिन
- 28 सितंबर – तृतीया, नवरात्र का तीसरा दिन
- 29 सितंबर – चतुर्थी, नवरात्र का चौथा दिन
- 30 सितंबर- पंचमी, नवरात्र का पांचवां दिन
- 01 अक्टूबर – षष्ठी नवरात्र का छठा दिन
- 02 अक्टूबर – सप्तमी, नवरात्र का सातवां दिन
- 03 अक्टूबर- अष्टमी, नवरात्र का आठवां दिन
- 04 अक्टूबर – नवमी, नवरात्र का नवां दिन