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सातवां नवरात्र : मां कालरात्रि बीज मंत्र

मां कालरात्रि को नवरात्र के सातवें दिन पूजा की जाती है। इन्हें सभी प्रकार की आसुरी शक्तियों को विनाश करने के लिए जाना जाता है। मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं और चार भुजाएं हैं। माता अपने हाथों में खड्ग, लौह अस्त्र, अभय मुद्रा और वर मुद्रा धारण करती हैं। इनकी आराधना करने से व्यक्ति सभी प्रकार के समस्याओं से छुटकारा पा लेता है। इन्हें प्रसन्न करने का मंत्र-

एकवेणी जपाकर्ण, पूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी।।

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