तपोवन (धर्मशाला)। कुछ दिन चली चहलकदमी के बाद तपोवन धर्मशाला विधानसभा परिसर सुनसान हो गया। तपोवन में शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। सत्र समाप्ति के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अब तपोवन में एक साल बाद फिर रौनक लौटेगी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मीडिया से बातचीत में को बताया कि 26 नवंबर से 5 दिसंबर तक चले इस सत्र के दौरान कुल 8 बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 35 घंटे की कार्यवाही हुई और सत्र की उत्पादकता 85 प्रतिशत रही। उन्होंने इसे वर्ष 2005 के बाद आयोजित सबसे लंबा शीतकालीन सत्र बताया।
सत्र के पहले दिन पूर्व विधायक स्व. डॉ. बाबू राम गौतम के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सत्र के दौरान कुल 494 प्रश्न (376 तारांकित एवं 118 अतारांकित) सरकार द्वारा उत्तर सहित प्रस्तुत किए गए।
सत्र के दौरान नियम 61 के तहत 2, नियम 62 के तहत 10, नियम 67 के तहत 1, नियम 101 के तहत 2 तथा नियम 130 के तहत एक विषय पर चर्चा की गई। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सदस्यों ने बहुमूल्य सुझाव दिए। 28 नवंबर और 5 दिसंबर को दो दिन गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए निर्धारित थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र में छह सरकारी विधेयक भी पारित किए गए। बजट से संबंधित कार्य भी सफलतापूर्वक निपटाए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आर्थिक हालात कठिन हैं, इसके बावजूद सरकार गैर-सरकारी शिक्षा संस्थानों पर ₹1700 करोड़ से अधिक खर्च कर रही है।
अध्यक्ष पठानिया ने बताया कि पिछले सत्र में 12 बैठकों में 59 घंटे की कार्यवाही हुई थी और उत्पादकता 98 प्रतिशत रही थी। इस बार 690 सूचनाएं सदस्यों के प्रश्नों के माध्यम से प्राप्त हुईं।
अध्यक्ष ने सत्र संचालन में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री एवं सदन के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया।
विधानसभा सचिवालय, राज्य सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अध्यक्ष ने धन्यवाद दिया, जिन्होंने दिन–रात मेहनत कर सत्र को सफल बनाया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्य किया। पठानिया ने इस अवसर पर सभी को क्रिसमस और नए वर्ष की शुभकामनाएं भी दीं।