रेखा चंदेल/झंडूता। जमीन दान देने के बाद भी वेटरनरी डिस्पेंसरी के लिए भवन का निर्माण नहीं हो पाया है। अब इस उदासीनता कहें, अनदेखी या लेटलतीफी। मामला बिलासपुर जिला की पंचायत डाहड का है। मामले को इंसानियत संस्था ने उजागर किया है।
इंसानियत संस्था के प्रधान पवन चंदेल के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत डाहड के वार्ड नंबर 3 में वेटरनरी डिस्पेंसरी को मंजूर हुए लगभग 15 साल का समय बीत चुका है। अभी तक यह वेटरनरी डिस्पेंसरी गांव वालों के द्वारा दिए गए पुराने कमरे में ही चल रही है। हालांकि, वेटरनरी डिस्पेंसरी (पशु औषधालय) लिए तीन बिस्वा जमीन दान की गई है।
सवाल यह खड़ा होता है कि पशुपालन विभाग के नाम जमीन भी कर दी गई है, लेकिन सरकार और विभाग अब तक एक कमरे का निर्माण भी नहीं करवा पाया है। डिस्पेंसरी को अपना भवन न मिलने से गांव वालों में खासा रोष है। गांव वालों ने सुक्खू सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द वेटरनरी डिस्पेंसरी के भवन का निर्माण करवाया जाए।
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