ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में बह गई है विनीता, अब तक लापता
कुल्लू। कई बार किस्मत ऐसा खेल खेलती है कि इंसान बेबस हो जाता है और जब अपनों को देखना तो दूर उनकी निशानी भी नहीं मिलती है तो दर्द और भी बढ़ जाता है। ऐसा ही मामला कुल्लू में सामने आया है। कुदरत का कहर देखो एक बाप आखिरी बार अपनी लाडली को भी नहीं देख पाया और देखना तो दूर बेटी की कोई निशानी भी नहीं मिल सकी।
कुल्लू जिले के मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ में कैपिंग साइट मैनेजर की मैनेजर विनीता चौधरी बह गई हैं। सूचना मिलने उसके परिजन सगाजियाबाद से कुल्लू पहुंचे। उन्हें उम्मीद थी कि कुल्लू पहुंचते ही कोई सुखद सूचना मिलेगी। बेटी का सुराग लगना तो दूर पिता को जब उसकी कोई निशानी नहीं मिली तो वह बेसुध होकर गिर पड़े। बेटी की तलाश में कई घंटे तक ब्रह्मगंगा नाले की खाक छानते रहे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा।
ये भी पढे़ं – हिमाचल से बड़ी खबर: यहां फंसे 175 पर्यटक, रेस्क्यू को मांगा हेलीकॉप्टर
उन्होंने विनीता के सहयोगी अर्जुन से भी बेटी के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। आज को विनीता के पिता विनोद, मामा विकास, जीजा देवेंद्र सिंह व डा. कृष्ण पाल सिंह दोपहर 12 बजे कुल्लू पहुंचे। उन्होंने एसपी गुरदेव शर्मा से मुलाकात की। एसपी ने उसके साथ एक टीम मणिकर्ण के लिए भेजी। जब तलाश करने पर विनीता का सुराग नहीं लगा तो पिता विनोद बोले, पता नहीं उनके जिगर का टुकड़ा आखिर कहां चला गया।
परिवार में सभी पूछेंगे क्या विनीता को साथ लेकर आए उसकी कोई निशानी लाए उस समय क्या जवाब देंगे। मामा विकास चौधरी ने बताया कि विनीता को पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था। वह जियोलाजी में पीजी कर रही थी। कसोल में उसने किताबें भी रखी थीं। उसके सामान का बैग भी नहीं मिला।