मंत्री महेंद्र ठाकुर ने सदन में दी जानकारी
शिमला। हिमाचल में सूखे, भारी बारिश और बर्फबारी ने इस बार कहर ढाया है। इससे हिमाचल में करीब 1,585 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बागवानी को 300 करोड़, सड़कों और पुलों को 451 करोड़ का नुकसान हुआ है। पेयजल योजनाओं को 187 करोड़, बारिश से फसलों, पशुओं व मकानों को करीब 645 करोड़, सड़कों और पुलों को 451 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यही नहीं प्राकृतिक आपदा से 222 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है और 12 लोग लापता हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन यानि पिछले कल बागवानी, राजस्व और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने दी।
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नियम 130 के तहत चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ से 1,152 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 442 पशुओं की मौत हुई है। सरकार ने वित्तीय मदद के लिए केंद्र को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र के पास नदियों और नालों के चैनलाइजेशन का पांच हजार करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए प्रस्तावित है। विधानसभा में नियम 130 के तहत बुधवार को जलवायु परिवर्तन के कारण कभी सूखा और भारी बारिश से नुकसान पर चर्चा हुई। चर्चा में विधायक इंद्र दत्त लखपाल, विशाल नैहरिया, बलबीर वर्मा, जिया लाल और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
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कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने सदन में जानकारी दी कि गत तीन साल में जिलों में डीसी के पास लीज पर भूमि लेने के लिए 525 आवेदन मिले हैं। इनमें 30 आवेदकों को लीज पर जमीन उपलब्ध करवाई गई है। 31 जनवरी तक धारा-118 के तहत 234 मामलों को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जिन लोगों को धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की मंजूरी मिली है और दो साल में काम शुरू नहीं कर पाए हैं, सरकार उन्हें किसी भी तरह की कोई विशेष छूट नहीं देगी। पिछले तीन साल के भीतर प्रदेश में ऐसे 27 आवेदनकर्ता हैं, जिन्होंने दो साल के भीतर काम शुरू नहीं किया है।