जांच के लिए लैब भेजी दवाएं
कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा जिला में स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना दर्द निवारक दवा बनाने वाली कंपनी का पर्दाफाश किया है। यह मामला जिले के इंदौरा के सूरजपुर इलाके का है। कंपनी से पौने दो लाख टैबलेट बरामद की हैं। ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी नूरपुर की टीम ने कंपनी परिसर में छापा मारकर दवाएं बरामद कीं हैं। बताया जा रहा है कि दर्द की यह दवा आइबूप्रोफेन और पैरासिटामोल दो साल्ट मिलाकर बनाई गई हैं। दवा प्लास्टिक के पाउच में थी। इससे पहले इसी कंपनी के बनाए रेमडेसीविर के 16 बॉक्स में 400 नकली वायल मध्य प्रदेश के भोपाल में पकड़े थे। अब यह टैबलेट बरामद किए हैं। दवाएं नकली हैं या असली, इसका पता लैब रिपोर्ट के बाद ही चलेगा। दनाइयों को जांच के लिए भेज दिया है।
बता दें कि किसी भी दवा को बनाने से पहले ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी से मंजूरी लेनी पड़ती है। पर दवा कंपनी द्वारा विभाग से बिना मंजूरी के दवाइयां बनाई जा रही थीं। अगर दवाइयों में खराबी पाई जाती है या नकली निकलती हैं तो कंपनी मालिक पर मामला दर्ज होगा।
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कांगड़ा: बिना मंजूरी के कंपनी बना रही थी दवाइयां, पौने दो लाख टैबलेट बरामद
