कांगड़ा। जायका मिशन प्रतिनिधिमंडल ने दूसरे चरण में संचालित की जा रही हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना की प्रगति समीक्षा को प्रवाह सिंचाई योजना संध कूहल धर्मशाला का दौरा किया।
कृषक विकास संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रतिनिधिमंडल ने लाभार्थियों को उपकरण सौंपे। किसानों से बातचीत की और सिंचाई योजना का बारीकी से निरीक्षण भी किया। कुल 28.91 लाख रुपये की इस योजना से 13.76 हेक्टेयर खेती वाले कमांड क्षेत्र के 107 किसान परिवारों को लाभ मिला है।
कृषक विकास संघ के अध्यक्ष सुरेश चंद ने प्रतिनिधिमंडल का अभिनंदन किया। संध कूहल का बुनियादी ढांचा केवीए को सौंपा। जायका मिशन टीम के सदस्यों में शिनो काटो, ताकाहिरो कोइके (दोनों जाइका मुख्यालय के प्रतिनिधि), केन कुनीडा और युकारी इनागाकी (दोनों जाइका इंडिया से) शामिल हैं।
जायका मुख्यालय के प्रतिनिधि ताकाहिरो कोइके ने दूध और सब्जी संग्रह ई-वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। परियोजना में हिमाचल सरकार के मीडिया एडवाइजर राजेश्वर ठाकुर ने बताया कि परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने अपने संबोधन में उपस्थित जनसमूह से कहा कि यह हिल फार्म ग्रुप के सहयोग से अनूठी पहल है।
धर्मशाला के हिल फार्म ग्रुप ने धौलाधार मिल्क ब्रांड के तहत दूध के लिए एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला सफलतापूर्वक स्थापित की है। यह विस्तार जायका कृषि परियोजना के साथ सहयोग के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है, जो एक पारस्परिक सहयोग की लाभकारी व्यवस्था प्रस्तुत करता है और किसानों के लिए कृषि बाजार पहुंच बढ़ाएगा।
जायका मिशन टीम ने औपचारिक दीप जलाकर हल्दी के प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र को भी चालू किया। हल्दी प्रसंस्करण केंद्र का संचालन किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) द्वारा भट्टू संग्रह केंद्र, भवारना में किया जाता है।
जायका मिशन के प्रतिनिधिमंडल ने भट्टू में एक खुदरा दुकान का दौरा किया, जिसमें चंबा-कांगड़ा जनजातीय शहद, जड़ें, फूल और उत्पादकों और विश्वकर्मा स्वयं सहायता समूह सहित स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि एचपीसीडीपी चरण एक अवधि के दौरान स्थापित यह रिटेल आउटलेट, जिसे हाइब्रिड रिटेल आउटलेट के नाम से जाना जाता है, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के उत्पादों के विपणन के लिए एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य करता है, जो दूरदराज के क्षेत्रों में किसानों के सामने आने वालीत चुनौतियों का समाधान करता है।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पारंपरिक बिक्री के साथ ऑनलाइन बिक्री को एकीकृत करके कृषि उत्पादों का विस्तार करता है, जिससे स्थानीय उत्पादकों को क्षेत्रीय और दूरदराज के उपभोक्ताओं दोनों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
यह मॉडल स्वयं सहायता समूहों और कृषक उत्पादक संगठनों को अपने ग्राहक आधार में विविधता लाने, सतत विकास को बढ़ावा देने और भौतिक और डिजिटल खुदरा समाधानों के संयोजन के माध्यम से ग्रामीण उद्यमिता का समर्थन करने में सक्षम बनाता है।
चौहान ने दौरे के दौरान एफपीओ, एसएचजी, केवीए और किसान परिवारों के विविध लाभार्थियों और परियोजना स्टाफ का जायका मिशन प्रतिनिधिमंडल द्वारा मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद किया। श्री ताकाहिरो कोइके ने जायका मिशन प्रतिनिधिमंडल की ओर से जायका कृषि परियोजना क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों और गतिविधियों पर संतोष व्यक्त किया।