ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर
नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत की एक और बेटी ने मेडल जीत लिया है। पहली बार ओलिंपिक खेल रहीं 23 साल की भारतीय महिला बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन ने सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बावजूद इतिहास लिख दिया। लवलिना ने भारत के लिए ब्रॉन्ज जीता है। ऐसा करने वाली वह दूसरी महिला बॉक्सर हैं, इससे पहले 2012 में मेरीकॉम ने ब्रॉन्ज जीता था। लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चनू ने रजत, जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता है। लवलीना का पदक पिछले 9 वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है।
#IND's Lovlina Borgohain wins India's THIRD medal at #Tokyo2020 – and it's a #Bronze in the women's #Boxing welterweight category! #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #Olympics pic.twitter.com/wcX69n3YEe
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 4, 2021
69 KG वेट कैटेगरी के इस मुकाबले में लवलिना वर्ल्ड नंबर वन तुर्की की बुसेनाज सुरमेली के खिलाफ लड़ रही थीं। लवलिना ओलिंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी भी हैं। लवलिना असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली हैं। लवलिना बॉक्सिंग में आने से पहले किक बॉक्सिंग करती थीं। वे किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना ने अपनी जुड़वा बहनों लीचा और लीमा को देखकर किक बॉक्सिंग करना शुरू किया था और अब इतिहास रच दिया है।
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Go for Gold @LovlinaBorgohai ..
More power to you from the entire nation. My SandArt at Puri beach in Odisha. #Cheer4India #Tokyo2020 #LovlinaBorgohain 🇮🇳 pic.twitter.com/1r5IgJLKxl— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) August 4, 2021
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के असम रीजनल सेंटर में सिलेक्शन होने के बाद वे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। उनकी दोनों बहनें भी किक बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना को बचपन में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके पिता टिकेन बोरगोहेन की छोटी सी दुकान थी। शुरुआती दौर में लवलिना के पास ट्रैकसूट तक नहीं था। इक्विपमेंट और डाइट के लिए संघर्ष करना पड़ता था।