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हिमाचल : चपरासी से लेकर क्लास वन दें संपत्ति का ब्यौरा, नहीं तो होगी कार्रवाई

कार्मिक विभाग ने जारी किए निर्देश, नोडल-अफसर तैनाती को भी कहा

शिमला। हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को संपत्ति का ब्यौरा देना पड़ता है। पर कुछ कर्मचारी और अधिकारी इसमें अनाकानी करते भी नजर आते हैं। ऐसे में अब सरकार चल-अचल संपत्तियों का समय से ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्ती करने जा रही है।

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इसी कड़ी में कार्मिक विभाग ने क्लास वन से लेकर फोर तक के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं। कहा है कि वह निर्धारित तिथि से पहले अपनी संपत्तियों का ब्यौरा देना सुनिश्चित करें, नहीं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इन निर्देशों में सभी विभागों के अध्यक्षों को अपने नियंत्रण में आने वाले हर कार्यालय में एक नोडल अफसर तैनात करने के लिए भी कहा गया है। नोडल अफसर की जिम्मेदारी होगी कि वह हर कर्मचारी और अधिकारी से निर्धारित प्रारूप में संपत्ति की जानकारी लेकर विभाग को भेजे। अगर कोई अधिकारी-कर्मचारी ब्यौरा उपलब्ध न करवाए तो उसकी जानकारी तत्काल विभागाध्यक्ष से साझा करें। इस जानकारी के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

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ऐसे किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को पदोन्नति आदि पर विजिलेंस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मुहैया नहीं करवाया जाएगा। विभाग ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों, बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, प्रबंध निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।  पीएमआईएस सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन माध्यम से इन एसेट और लायबिलिटी रिटर्न से संबंधित फार्म एक से पांच में जानकारी भरकर एक महीने में जमा करवाएं। गौरतलब है कि हिमाचल में लोकायुक्त एक्ट के तहत हर साल सभी श्रेणी के कर्मचारियों को अपनी संपत्ति और देनदारियों की जानकारी देनी होती है।

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