नवरात्र के सबसे पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनका जन्म पत्थर से होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री रखा गया था। पार्वती के रूप में यह भगवान शंकर की पत्नी भी है। इनका वाहन बैल है और यह दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं में कमल धारण करती है। इनको प्रसन्न करने का मंत्र है-
वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥