शिमला। वर्तमान के परिवेश में नारी शक्ति पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है। शिक्षा सहित बहुत से क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव में वोटिंग के मामले में भी नारी शक्ति पुरुषों पर भारी रही है। 1993 विधानसभा चुनाव के बाद महिलाओं की वोट प्रतिशतता पुरुषों से अधिक रही है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं बढ़ चढ़कर वोट कर रही हैं।
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1967 से 1993 तक विधानसभा चुनाव में मतदान के मामले में पुरुष महिलाओं से आगे थे। पर 1998 से 2017 विधानसभा चुनाव तक महिलाओं ने बाजी मारी है।
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1998 में 72.21 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया था। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की वोट प्रतिशतता 70.26 फीसदी रही। 2003 में महिलाओं की वोट प्रतिशतता 75.92 और पुरुषों की 73.14 प्रतिशत रही थी। 2007 में 74.01 फीसदी महिलाओं और 68.36 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया था। 2012 में महिलाओं की वोट प्रसेंटेज 76.20 प्रतिशत और पुरुषों की 69.39 फीसदी रही थी। 2017 में महिलाओं ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 77.92 फीसदी मतदान किया था।
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वहीं, पुरुषों की वोट प्रतिशतता 70.58 रही थी।
अगर 1967 से लेकर 2017 की बात करें तो 2017 में सबसे अधिक महिला वोट प्रतिशतता रही थी। 77.92 फीसदी महिलाओं ने मत का प्रयोग किया था। सबसे अधिक पुरुष वोट प्रतिशतता 1982 में 73.29 फीसदी रही थी। 1967 में सबसे कम महिला वोट प्रतिशतता रही थी। 42.45 महिलाओं ने मत का प्रयोग किया था। पुरुषों की सबसे कम वोट प्रतिशतता 1972 में 54.71 प्रतिशत रही थी। वहीं,.1967 से 2017 तक ओवर आल सबसे अधिक 2003 में सबसे अधिक 74.51 फीसदी लोगों ने वोट डाला था। वहीं, सबसे कम 1972 में 49.52 फीसदी रही थी।