श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाने पर ही मिलेगी एंट्री
कांगड़ा। हिमाचल के शक्तिपीठों में श्रावण अष्टमी मेले का आयोजन 9 से 16 अगस्त तक किया जाना है। इन मेलों में देशभर के विभिन्न स्थानों से लोग मां के दर्शनों के लिए आते हैं लेकिन कोरोना संकट की वजह से प्रदेश सरकार ने इस बार भी कुछ पाबंदियां लगाई हैं। इस बार हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाने पर ही एंट्री मिलेगी। प्रदेश के शक्तिपीठों बज्रेश्वरी, चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, श्री नयनादेवी और चामुंडा देवी मंदिर में प्रशासन व पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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श्रावण अष्टमी मेलों के दौरान अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सामान्य तौर पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोविड-19 के तहत प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुसार प्रशासन ने तय किया है कि इस बार मंदिर में माथा टेकने के लिए आने वाले लोगों को नए नियमों के अनुसार ही मां के दर्शन करवाए जाएंगे। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट या फिर कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई होने के प्रमाणपत्र साथ लाना अनिवार्य होगा।
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इसके अलावा पुलिस टीम ने अन्य राज्यों से आए प्रवासियों जो मुख्य मार्ग जड़ी-बूटी और दवाओं की दुकानें और कुछ प्रवासी अन्य सामान की अस्थायी दुकानें लगाकर बैठे हैं, उन्हें भी मुख्य मार्ग से हटने को कहा गया है और उन्हें चेतावनी दी गई है कि यहां नजर ना आएं। यह कार्रवाई इसलिए अमल में लाई गई है, ताकि मुख्य मार्ग पर कोई अतिक्रमण न हो। नवरात्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखा जाएगा।