शिमला। नगर निगम शिमला का चुनाव आज थम गया है। आखिरी दौर के प्रचार में दोनों दल पूरा जोर लगा रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य ने भी विपक्ष पर निशाना साधा और निगम में अब असल में डबल इंजन की सरकार बनने की बात कही है।
विक्रमादित्य ने पांच साल में सभी गारंटियों को पूरा करने के साथ ही स्मार्ट सिटी में पैसों की बर्बादी कीजांच करने को कहा है। विक्रमादित्य ने कहा कि एमसी में काबिज होने के बाद इसकी जांच की जाएगी।
विक्रमादित्य ने कहा कि जयराम डबल इंजन की बात करते थे, लेकिन कांग्रेस उनसे ज्यादा पैसा दिल्ली से मोदी सरकार से लेकर आएंगे और विकास का मॉडल हिमाचल में लेकर आएंगे। बता दें कि नगर निगम शिमला के चुनाव दो मई हो होने हैं। चुनाव प्रचार आज चार बजे से थम गया। अब उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांग सकते हैं। दो मई चार बजे तक शराब और अन्य मादक पदार्थ के वितरण पर रोक रहेगी। नगर निगम शिमला के 34 वार्डों के लिए 149 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 34 वार्डों में 93,920 मतदाता हैं।
भारत की दो बेटियां जिन पर हम सबको गर्व है। एक बेटी मौत को मात देकर पर्वत से सकुशल लौटी और एक मौत को मात देकर दुनिया की सबसे ऊंची जगह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी। जी हां हम बात कर रहे हैं हिमाचल के सोलन की पर्वतारोही बलजीत कौर और उत्तर प्रदेश की पद्मश्री डॉ. अरुणिमा सिन्हा की। अरुणिमा सिन्हा विश्व की पहली दिव्यांग हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतेह किया।
अरुणिमा सिन्हा की एक बात जिससे प्रतीत होता है कि एक पैर गंवाने के बावजूद सबसे ऊंची चोटी फतह करने के उनके इरादे कितने बुलंद थे। अरुणिमा ने कहा था कि ‘आप सोच सकते हैं, जो लड़की बैड से उठ भी नहीं सकती और कुछ अलग करना चाहती है। उसे अपने आप को प्रूव करना है, लोग पागल बोलते थे। जिस दिन आपको दुनिया पागल बोलना शुरू कर दे तो आप समझ लें कि आपका गोल आपके करीब है और कोई आपको रोक नहीं सकता है’।
अरुणिमा सिन्हा 12 अप्रैल 2011 को ट्रेन से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं। बरेली के पास ट्रेन में कुछ गुंडों ने पर्वतारोही अरुणिमा के गले की सोने की चेन छीनने की कोशिश की। जब अरुणिमा सिन्हा ने विरोध किया तो गुंडों ने उन्हें चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। उस वक्त दूसरे ट्रैक पर एक और ट्रेन गुजर रही थी। अरुणिमा उससे टकराकर रेलवे ट्रैक पर गिर गई। वह बुरी तरह जख्मी हो गई थीं। वह उठ नहीं पा रही थीं। दाहिने पैर की हड्डियां जींस से बाहर लटक रही थीं। रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर आए थे। अगली सुबह गांव वालों ने अरुणिमा को देखा और बरेली अस्पताल ले गए।
बरेली अस्पताल में न तो एनेस्थिसिया का प्रबंध था और नहीं ऑक्सीजन थी। अरुणिमा का तुरंत इलाज जरूरी था, क्योंकि और देर होती तो कुछ भी हो सकता था। ऐसे में वहां के चिकित्सक लाचार हो गए कि इलाज कैसे करें। अरुणिमा देख नहीं पा रहीं थीं पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट की बात सुन पा रहीं थीं। अरुणिमा ने बिना एनेस्थिसिया के ही पैर काटने के लिए कहा, क्योंकि वह दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं।
डॉक्टर ने बिना बेहोश किए पैर काटा और इलाज किया। अरुणिमा का काफी खून बह चुका था, उन्हें खून की जरूरत थी। खून बरेली अस्पताल के डॉक्टर और फार्मासिस्ट ने दिया। इस घटना में अरुणिमा अपना दाहिना पैर गवां बैठी और दूसरे पैर में रॉड डालनी पड़ी।
भगवान की कृपा से पर्वतारोही अरुणिमा ठीक होने लगी। उन्होंने परिस्थितियों से हारने की वजाए दुनिया की सबसे ऊंची जगह माउंट एवरेस्ट को फतह करने की सोची। शुरू में सबने इसे पागलपन कहा। अरुणिमा सिन्हा बॉस्केबाल खिलाड़ी भी रही हैं। खिलाड़ी के जज्बा लिए अरुणिमा ने 21 मई 2013 को माउंट एवरेस्ट फतह किया।
अब बात करत हैं हिमाचल की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर की। बलजीत कौर बीते 16 अप्रैल को नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत के लिए रवाना हुईं। 17 अप्रैल को उसके साथ मौजूद शेरपा बीच रास्ते में छोड़कर चला गया। कुछ दूरी पर जाने के बाद एक अन्य शेरपा कंपनी द्वारा भेजा गया। करीब 36 घंटे का सफर तय करने के बाद 17 अप्रैल को शाम 6 बजे वह माउंट अन्नपूर्णा पर पहुंचीं। वह और उनके साथ शेरपा दोनों थके हुए थे। शेरपा दो दिन पहले ही एक अन्य चोटी पर जाकर आया था।
अन्नपूर्णा पहाड़ी से लौटते वक्त भी वह थकी हुईं महसूस कर रही थीं। शेरपा एक अन्य पर्वतारोही की सहायता के लिए चला गया। वह अकेली चलती रहीं। 10 मीटर चलने के बाद वह आराम करती। इसके बाद फिर सफर शुरू करतीं। तेज बर्फीला तूफान चल रहा था। थकान की वजह से देर रात नींद आ गई। 18 अप्रैल की सुबह उनकी नींद खुली। उस वक्त करीब आठ बजे थे।
वह बर्फ के बीच वहां पर अकेली थीं। उन्होंने हौंसला नहीं हारा और सुरक्षा रस्सी को नहीं छोड़ा। जिंदगी और मौत से जंग लड़ते हुए सुरक्षा रस्सी के सहारे आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने इस मौके पर हौसला तो दिखाया ही पर संयम भी नहीं खोया। अपने मोबाइल के एप से रेस्क्यू टीम से सहायता लेने को सैटेलाइट सिग्नल भेजा। करीब पांच घंटे बाद रेस्क्यू दल उनके पास पहुंचा और बलजीत कौर को रेस्क्यू किया। वह 48 घंटे तक बर्फ में रहकर मौत को मात देकर अपने घर सोलन लौटीं।
शिमला। हिमाचल में एचआरटीसी चालक भर्ती को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया है। चालक अंतिम पडाव पर आकर स्थगित की है। क्योंकि पहली मई को अंतिम ड्राइविंग टेस्ट निर्धारित था।
एचआरटीसी के कार्यकारी निर्देशक विवेक चौहान ने बताया कि 276 चालक पद भर्ती के लिए 14 फरवरी को आवेदन मांगें गए थी, जिसमें लगभग 15,000 अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त हुए थे। करीब 13836 के आवेदन सही पाए गए।
प्रारंभिक ड्राइविंग टेस्ट मंडलीय स्तर में 17 अप्रैल से शुरू हो गए थे। प्रारंभिक ड्राइविंग टेस्ट में पास अभ्यर्थियों का अंतिम ड्राइविंग टेस्ट 1 मई 2023 से IDTR सरकाघाट में होना था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से दोनों चालक भर्ती (प्रारंभिक व अंतिम) को आगामी आदेशों तक स्थगित किया जाता है।
शिमला। हिमाचल सरकार ने 31 मार्च, 2023 तक दो वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, 30 सितंबर, 2023 को दो वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों की सेवाओं को भी इस तिथि के बाद नियमित किया जाएगा।
राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2023 तक चार वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का भी निर्णय लिया है। इसी प्रकार 30 सितंबर, 2023 को चार वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले दैनिक वेतन भोगियों की सेवाओं को इस तिथि के बाद नियमित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इन निर्णयों से संबंधित अधिसूचना आज यहां जारी की गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राज्य की विकट वित्तीय स्थिति के बावजूद प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता पहले ही जारी किया जा चुका है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर कर्मचारियों की लंबित मांग को भी पूरा किया है। इस निर्णय से 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचा है। यह निर्णय राज्य के विकास में अहम योगदान देने वाले सभी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय ले रही है।
दिल्ली से शनिवार को सीधे सोलन के एक निजी होटल पहुंचीं
सोलन। मौत को मात देने वाली पहाड़ की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर घर पहुंची। बेटी को देखकर मां शांति देवी की आंखें भर आईं। मां ने अपनी बहादुर बेटी को गले लगाया। पर्वतारोही बलजीत कौर दिल्ली से शनिवार को सीधे सोलन के एक निजी होटल पहुंचीं। जहां पर उनकी माता शांति देवी और अन्य परिजन पहले से मौजूद थे। इस मौके विभिन्न संस्थाओं ने बलजीत कौर को सम्मानित भी किया।
मीडिया से बातचीत में बलजीत कौर ने कहा कि ट्रैकिंग एजेंसी की लापरवाही से ही उनके साथ हादसा हुआ। बीते 16 अप्रैल को वह नेपाल की अन्नपूर्णा पहाड़ी के लिए रवाना हुई थीं। 17 अप्रैल को उसके साथ मौजूद शेरपा बीच रास्ते में छोड़कर चला गया। कुछ दूरी पर जाने के बाद एक अन्य शेरपा कंपनी द्वारा भेजा गया।
करीब 36 घंटे का सफर तय करने के बाद 17 अप्रैल को शाम 6 बजे वह माउंट अन्नपूर्णा पर पहुंचीं। वह और उनके साथ शेरपा दोनों थके हुए थे। शेरपा दो दिन पहले ही एक अन्य चोटी पर जाकर आया था। अन्नपूर्णा पहाड़ी से लौटते वक्त भी वह थकी हुईं महसूस कर रही थीं। शेरपा एक अन्य पर्वतारोही की सहायता के लिए चला गया।
वह अकेली चलती रहीं। 10 मीटर चलने के बाद वह आराम करती। इसके बाद फिर सफर शुरू करतीं। बलजीत ने कहा कि तेज बर्फीला तूफान चल रहा था। थकान की वजह से देर रात नींद आ गई।
18 अप्रैल की सुबह उनकी नींद खुली। उस वक्त करीब आठ बजे थे। वह वहां पर अकेली थीं। उन्होंने सुरक्षा रस्सी को नहीं छोड़ा था। सुरक्षा रस्सी के सहारे आगे बढ़ती रहीं।
अपने मोबाइल के एप से रेस्क्यू टीम से सहायता लेने को सैटेलाइट सिग्नल भेजा। करीब पांच घंटे बाद रेस्क्यू दल उनके पास पहुंचा। उस वक्त दोपहर के करीब 1 बजे थे।
वह 48 घंटे तक बर्फ में रहीं। जो प्रशिक्षण प्राप्त किया था, वह इस खतरे के बीच काम आया। इसी वजह से वह आज जिंदा हैं। बलजीत ने कहा कि वह भविष्य में भी इस प्रकार की यात्राएं जारी रखेंगी। पर अभी कुछ माह आराम करेंगी।
धर्मशाला। सचिव शिक्षा डॉ. अभिषेक जैन ने आज शनिवार को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस मौके बोर्ड के अध्यक्ष और डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल तथा सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड डॉ. विशाल सहित बोर्ड के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। डॉ. अभिषेक जैन ने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से उनके कार्यों का ब्योरा लेते हुए, शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को तैयार करते समय बच्चों का समग्र विकास ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में 10वीं और 12वीं कक्षा में शिक्षा बोर्ड के टॉपर्स को मेडल देकर सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि जो मेधावी बच्चे वर्ष भर मेहनत करके स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करते हैं, उनका सम्मान करना हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को बोर्ड स्कॉलरशिप तो देता ही है, लेकिन राज्य स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर टॉपर्स को बोर्ड द्वारा अच्छे मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाए। उन्होंने इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को बुलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
अन्य राज्यों के मॉडल किए जाएं स्टडी
सचिव शिक्षा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को अपनी सार्थकता और गुणवत्ता बढ़ाने की ओर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें देश के अन्य स्कूल बोर्ड को स्टडी कर उनमें से श्रेष्ठ चीजों को अपने पाठ्यक्रमों और व्यवस्थाओं को अपनी कार्यप्रणाली में सम्मिलित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्हें योग, सांस्कृतिक पहलू, भाषा, खेल-कूद और हिमाचल से जुड़ी जानकारी उपलब्ध हो इसके लिए भी पाठ्यक्रम में प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए वर्षभर कड़ी महनत करते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं से जुड़े सभी कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर सजग है और उनसे जुड़े पहलुओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि पेपर सेटिंग और पेपर चेकिंग की व्यवस्था में पारदर्शिता का पूरा ध्यान दिया जाए। साथ ही निरंतर इस प्रक्रिया में रोटेशन की जाए। उन्होंने कहा कि इन प्रक्रियाओं से संबंधित कहीं भी कोई सुधार की आवश्यकता हो तो उसे तुरंत करें।
डॉ. जैन ने कहा कि समय के साथ शिक्षा बोर्ड को अपनी कार्यप्रणाली में भी कुछ आवश्यक बदलाव करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में कार्यों को करने के लिए सब्जेक्टिविटी से ज्यादा ओब्जेक्टिविटी पर बल दें। उन्होंने कहा कि इसके साथ तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ें।
निफ्ट कांगड़ा में वार्तालाप
इससे पूर्व डॉ. अभिषेक जैन ने निफ्ट कांगड़ा में छात्रों के साथ पारस्परिक वार्तालाप किया। “फैशन शिक्षाः दृष्टिकोण और क्रियाकलाप” विषय पर आयोजित इस संवाद में विद्यार्थियों नेे सचिव शिक्षा से बातचीत की। इस दौरान फैशन क्या है, फैशन के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न समस्याएं, फैशन के विभिन्न तथ्य, फैशन के क्षेत्र में व्यापकता के स्तर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में हमारे देश का स्थान कहां है? इन सभी विषयों पर मुक्त चर्चा हुई, जिसमें छात्रों व अध्यापकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
उन्होंने कहा कि हमारे देश और प्रदेश में पहने जाने वाली पारंपरिक पौशाकें विश्वभर में एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचली टोपी-शॉल, आदि ही इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा कि अपने पारंपरिक पहनावे को फैशन के रूप में प्रमोट करने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने छात्रों को फैशन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय बनाने के लिए प्रेरित किया, इसके साथ ही उन्होंने बहु-आयामी शिक्षा को अपनाने पर भी जोर दिया। हिमाचल प्रदेश के छात्रों को भी फैशन के क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने फैशन शिक्षा को ज्ञान के साथ-साथ व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित कर, फैशन शिक्षा को व्यापक स्तर पर प्रसारित करने का आह्वान भी किया।
पारंपरिक पहनावे को फैशन के रूप में प्रमोट करने को करें प्रयास
मंडी। हिमाचल में मंडी के पड्डल मैदान के टेनिस सभागार में आयोजित प्रथम राज्य टेबल टेनिस रैकिंग प्रतियोगिता के आज खेले गए लड़कियों के 13 वर्ष से कम आयु वर्ग के मुकाबले में कांगड़ा की रुदराशीं भट्ट ने गोल्ड मेडल जीता है। शिमला की आरतरिका ने सिल्वर पदक प्राप्त किया है। इसी आयु वर्ग के लड़कों के मुकाबले में शिमला के युग ठाकुर ने गोल्ड, जबकि कांगड़ा के अधिराज सिंह चौहान ने सिल्वर मेडल प्राप्त किया।
वहीं, लड़कों के 11 वर्ष से कम आयु वर्ग में कांगड़ा के अधिराज सिंह चौहान ने गोल्ड तथा इसी आयु वर्ग में उन्ना की बारीका ने सिल्वर मेडल प्राप्त किया। नगर निगम मंडी के डिप्टी मेयर वीरेंद्र भट्ट ने विजेता खिलाड़ियों को मेडल वितरित किए। जिला टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष हेमंत राज वैद्य ने बताया कि 13 वर्ष से कम आयु वर्ग के मुकाबलों के विजेता व उप विजेता खिलाड़ियों को आज मेडल प्रदान कर दिए गए जबकि 15 तथा 17 वर्ष आयु वर्ग के मुकाबलों का फाइनल कल खेला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन स्वर्गीय पीसी आनंद की स्मृति में लाला पीसी आनंद मेमोरियल ट्रस्ट मंडी द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर संयुक्त सचिव भारत सरकार रितेश चौहान, टेबल टेनिस संघ के उपाध्यक्ष सोमनाथ, साई टीटी के पूर्व कोच यतिश शर्मा, सुभाष आनंद, सुनील आनंद, सत्तीश आनंद, महासचिव विवेक कपूर सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने जल शक्ति विभाग के एक चीफ इंजीनियर का तबादला किया है। इस बारे अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना में चीफ इंजीनियर(डीएंडएम) जल शक्ति विभाग शिमला विजय कुमार को चीफ इंजीनियर (हमीरपुर जोन) लगाया है।
शिमला।हिमाचल बजट सत्र के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करुणामूलक पॉलिसी में बदलाव करने की घोषणा की है। इसी घोषणा को लेकर करुणामूलक संघ ने मांग उठाई है कि पेंशन से छेड़छाड़ किए बिना करुणामूलक नौकरियों को बहाल किया जाए।
करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि कांग्रेस सरकार सत्ता वापसी के बाद करुणामूलक परिवार का दर्द नहीं समझ रही है। संघ निरंतर करुणामूलक परिवारों की हित की आवाज उठाता आया है। संघ ने पूर्व सरकार के समय भी 432 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल शिमला में कालीबाड़ी मंदिर के समीप एक वर्षा शालिका में की थी। इसके चलते कुछ एक करुणामूलक परिवारों को रोजगार मिला, लेकिन बहुत से परिवार पूर्व सरकार की गलत नीतियों के कारण करुणामूलक नौकरी से वंचित रहे।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में भी कांग्रेस नेता करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए आवाज उठाते रहे हैं। वर्तमान में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने हर मंच से इन परिवारों की आवाज उठाई व वादा किया था कि जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनेगी, सभी परिवारों को बिना शर्त एकमुशत नौकरियां दी जाएंगी। सरकार को बनाने में करुणामूलक परिवारों का भी विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा करुणामूलक पॉलिसी में बदलाव की घोषणा की गई है। साथ ही जल्द से जल्द करुणामूलक नौकरी बहाल करने की बात कही गई। सरकार पेंशन से छेड़छाड़ किए बिना करुणामूलक नौकरियां बहाल करे।
बता दें कि जब किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार से कोई एक सदस्य करुणामूलक नौकरी के लिए आवेदन करता है, तो कर्मचारी के आश्रित को मिलने वाली पेंशन एक तिहाई हो जाती है। अब प्रदेश सरकार एक तिहाई पेंशन पर कैंची ना चलाए। सरकार राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों को जल्द वार्तालाप के लिए बुलाए।
5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए, जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए। वित्त विभाग के द्वारा रिजेक्टिड केसों को कंसीडर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रिजेक्टिड केसों को कंसीडर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए। क्लास-C व क्लास-D में 5 फीसदी कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए।
योग्यता के अनुसार क्लास-c व क्लास-D के सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नौकरियां दी जाएं, ताकि एक पद पर बोझ न पड़े। जिन विभागों में खाली पोस्टें नहीं हैं, उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नौकरियां दी जाएं। समस्त करुणामूलक परिवारों को क्लास-सी व क्लास -डी में मई माह से नियुक्तियां दी जाएं।
ऊना।हिमाचल के ऊना जिला में 250 पद भरने के लिए इंटरव्यू होंगे। मैसर्ज आरएस टैली सर्विसिज हैदराबाद द्वारा 2 मई को प्रातः 10.30 बजे जिला रोजगार कार्यालय ऊना में इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है।
जिला रोजगार अधिकारी अनीता गौतम ने बताया कि इन पदों के लिए महिला व पुरुष भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन पदों के शैक्षणिक योग्यता 10वीं, 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा व ग्रेजुएशन के साथ-साथ 18 से 36 वर्ष आयु सीमा निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी अपने सभी दस्तावेज व पासपोर्ट साइज फोटो साथ लेकर आना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में आने के लिए किसी प्रकार का कोई यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।