
असमंजस में किसान, कांग्रेस करने जा रही 10वीं गारंटी पूरी
शिमला। हिमाचल कांग्रेस विधानसभा चुनाव के दौरान दी 10वीं गारंटी पूरी करने जा रही है। कृषि व पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के दावे के अनुसार पहली जनवरी से गोबर की खरीद शुरू की जाएगी। सरकार दो रुपए प्रति किलो के हिसाब के खरीद करेगी। सरकार गोबर कच्चा नहीं बल्कि कंपोस्ट खाद रूप में खरीदेगी। कंपोस्ट खाद किसानों को खुद अपने खेत में तैयार करनी होगी। हालांकि, विधानसभा चुनाव के दौरान दी गारंटी के अनुसार सरकार ने गोबर खरीदने की बात कही थी, न कि गोबर की खाद खरीदने की। कांग्रेस की 10वीं गारंटी में साफ तौर पर लिखा था कि 2 रुपए किलो में गोबर की खरीद होगी।
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ऐसे में सरकार का एक साल पूरा होते-होते गोबर जो है खाद में बदल गया है। अब किसान को पहले कंपोस्ट खाद तैयार करनी होगी, फिर सरकार उसे दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदेगी। इससे किसान भी असमंजस में हैं कि गोबर खाद खेतों में डालें या सरकार को बेचें। कांगड़ा के कुछ किसानों का कहना है कि गोबर खाद अपने ही खेतों में डालने के लिए पूरी नहीं होती तो बेचेंगे क्या। वैसे भी गोबर खाद बेचने से कोई विशेष लाभ किसानों को होने वाला नहीं है।
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हालांकि, डेयरी वालों को जरूर इसका लाभ हो सकेगा। लेकिन, इसका नुकसान भी कुछ किसानों को होगा। क्योंकि जिन किसानों ने पशु नहीं रखें हैं, वे डेयरी वालों से गोबर की खाद लेते हैं। खाद लेकर खेतों में डालते हैं और सब्जियां आदि उगाते हैं। बाकी गोबर खरीद योजना शुरू होने के बाद पता चल पाएगा कि इसका कितना लाभ किसानों को होता और यह योजना कितनी सफल रहती है।
बता दें कि कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र के नगरोटा सूरियां में दो दिन पहले एक कार्यक्रम के दौरान कृषि व पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने ऐलान किया था कि सरकार पहली जनवरी से गोबर खाद खरीदना शुरू कर देगी। गोबर दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बोरी का सैंपल बना लिया है और जल्द ही बोरी मार्केट में आएगी।
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गोबर से आर्गेनिक खाद तैयार की जाएगी, जिसे सरकारी उपक्रम हिमफेड के माध्यम से किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस खाद का उपयोग कृषि व बागवानी विभाग के फार्मों में भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बागवानी व सेब बाहुल्य क्षेत्रों में भी इस खाद की बिक्री कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी, ताकि लोगों को आर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा सके। प्रदेश सरकार द्वारा आर्गेनिक खाद से फसल तैयार करने वाले किसानों को चिन्हित करने के साथ उनसे ऊंची कीमतों पर फसलों को खरीदा जाएगा।
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