IGNOU ने पीएचडी (जुलाई 2023 सत्र), बीएससी नर्सिंग और बीएड (जनवरी 2024 सत्र) प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। अब इच्छुक अभ्यर्थी लेट फीस 200 रुपए के साथ 3 जनवरी 2024 शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकते हैं।
इससे पहले अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 थी। अभ्यर्थी ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) और डिस्टेंस प्रोग्राम के लिए इग्नू की आधिकारिक वेबसाइट ignou.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश परीक्षा 7 जनवरी 2024 को होनी प्रस्तावित है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBose) अधिनियम 1968 की धारा 19(3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अध्यक्ष ने उत्तीर्ण प्रमाणपत्र के लिए डुप्लीकेट प्रमाणपत्र शुल्क अधिसूचित किया है।
पहली बार के लिए पासिंग सर्टिफिकेट के लिए 600 रुपए लगेंगे। दूसरी बार डुप्लीकेट सर्टिफिकेट के लिए 1200 रुपए और तीसरी बार के लिए 2400 रुपए का शुल्क लगेगा।
यह जानकारी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBose) के सचिव डॉ (मेजर) विशाल शर्मा ने दी है।
रिसर्च स्कॉलर प्रिया और डॉ. शिवराम राव को मिली सफलता
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (HPCU) के पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग की रिसर्च स्कॉलर प्रिया और डॉ. शिवराम राव ने बड़ी सफलता हासिल की है।
रिसर्च स्कॉलर प्रिया और डॉ. शिवराम राव (एसोसिएट प्रोफेसर, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय) को ओआरएफजी (ओपन रिसर्च फंडर्स ग्रुप) का 4980 अमेरिकी डॉलर की राशि (लगभग साढ़े चार लाख) का ओपन स्कॉलरशिप सीड अवार्ड प्राप्त हुआ है। विभाग को पहली बार इस तरह का स्कॉलरशिप सीड अवार्ड प्राप्त हुआ है।
प्रिया और डॉ. शिवराम राव के अनुसार इस फंडिंग का उपयोग अकादमिक समुदाय के बीच ओपन एक्सेस और ओपन साइंस को आगे बढ़ाने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाएगा, जिससे वे अपने संस्थानों और समुदायों के भीतर ओपन साइंस के समर्थक बन सकें।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सह कार्यशाला भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जाएगी जिसमें ओपन- एक्सेस प्रकाशन के मौलिक सिद्धांतों और व्यावहारिक पहलुओं, ओपन एक्सेस मॉडल (जैसे, गोल्ड, ग्रीन और हाइब्रिड ओपन एक्सेस), ओपन पब्लिक लाइसेंसिंग जैसे क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस, ओजेएस (ओपन जर्नल सिस्टम) जैसे ओपन प्रकाशन प्लेटफार्मों का उपयोग करना, ओपन-एक्सेस प्रकाशन में उच्च संपादकीय और नैतिक मानकों को बनाए रखने का महत्व, डायरेक्टरी ऑफ़ ओपन एक्सेस जर्नल्स (डी ओ ए जे) में पत्रिकाओं को अनुक्रमित करने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करना आदि होगा।
डॉ. शिवराम राव के अनुसार अभी फंडिंग एजेंसी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाली वर्कशाप का प्रपोजल मांगा है जो तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है इस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
वहीं, विभाग को पहली बार इस तरह का स्कॉलरशिप सीड अवार्ड प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय (HPCU) के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल और अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार ने बधाई दी है। (HPCU)
तपोवन (धर्मशाला)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) ने एक समय में दो डिग्रियां करने का प्रावधान लागू करने का फैसला लिया है। इसको लेकर औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मुहैया करवाई है।
जवाब में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा 24, अगस्त, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया तथा तत्कालीन शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अधिकांश प्रावधानों को चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश सरकार इस नीति के विभिन्न प्रावधानों को प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से लागू करने का विचार रखती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा छात्रों को एक समय में दो डिग्रियां हासिल करने के संदर्भ में अप्रैल 2022 में दिशानिर्देश जारी किए हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) ने भी सैद्धांतिक रूप से इस प्रावधान को लागू करने का निर्णय लिया है। परंतु, इस विषय में अभी तक नियमानुसार औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं।
फिलहाल प्रदेश में अभी तक छात्रों को एक समय में दो डिग्रियां हासिल करने का प्रावधान लागू नहीं हुआ है। (HPU)
विधायक सत्ती ने यह भी पूछा था कि सरकार इसी आधार पर या अन्य आधार पर प्रदेश में जेबीटी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को भी डिस्टेंस लर्निंग मोड़/इवनिंग कॉलेज/प्राइवेट कैंडिडेट के तौर पर दूसरे कोर्सेज/डिग्रियां करने की अनुमति देने का विचार रखती है।
इसके जवाब में जानकारी दी गई कि क्योंकि वर्तमान में यह व्यवस्था लागू नहीं है। अत: यह प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। भविष्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न प्रावधानों को लागू करते समय यथा समय यथा स्थिति इस बात पर भी विचार किया जाएगा।
धर्मशाला। हिमाचल में पहली कक्षा में अब 6 साल की आयु में ही एडमिशन हो सकेगी। सरकार ने इस बारे आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कांगड़ा के विधायक पवन काजल के सवाल के जवाब में जानकारी मुहैया करवाई है कि सरकार ने 24, नवंबर, 2023 को पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 6 व उससे ऊपर की आयु सीमा लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
इसके अनुसार जिस शैक्षणिक वर्ष में पहली कक्षा में एडमिशन ली जानी है, उस शैक्षणिक वर्ष में 31 मार्च को बच्चे की आयु 6 वर्ष होनी चाहिए। इसमें 01 अप्रैल को जन्मे बच्चे भी सम्मिलित हैं।
पहली अप्रैल के बाद जन्मे बच्चों को अगले शैक्षणिक सत्र में ही एडमिशन दी जा सकती है। वर्तमान में सरकार निर्धारित सीमा को बढ़ाकर सितंबर या अक्टूबर तक करने का कोई विचार नहीं रखती है।
हमीरपुर। जवाहर नवोदय विद्यालय डूंगरी में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए 20 जनवरी को आयोजित की जाने वाली चयन परीक्षा के रोल नंबर सीबीएसई द्वारा जारी वेब लिंक से 20 दिसंबर से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम कुमार ने बताया कि यह चयन परीक्षा 20 जनवरी को सुबह साढ़े ग्यारह बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक जिला हमीरपुर के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस दिन सभी अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र एवं रोल नंबर के साथ प्रातः 10 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। ये प्रवेश पत्र एवं रोल नंबर 20 दिसंबर से सीबीएसई के वेब लिंक cbseitms.rcil.gov.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
प्रधानाचार्य ने बताया कि इस संबंध में किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय डूंगरी के कार्यालय में सुबह 10 से दोपहर एक एक बजे तक संपर्क किया जा सकता है।
सहायक प्रोफेसर डॉ. हरजिंदर सिंह की देखरेख में कर रहे शोध-कार्य
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (HPCU) के पंजाबी एवं डोगरी विभाग के दो शोधार्थियों का बतौर शिक्षक जवाहर नवोदय विद्यालय में चयन हुआ है।
ये दोनों शोधार्थी, हरविंदर सिंह और नसीब सिंह, पंजाबी एवं डोगरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरजिंदर सिंह की देखरेख में पीएचडी की डिग्री के लिए शोध-कार्य कर रहे हैं।
मूलत: करनाल हरियाणा निवासी हरविंदर सिंह ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय गुरुजनों के साथ अपने पिता गुरमुख सिंह और माता राजवंत कौर को दिया है। वहीं, मूलत: कैथल हरियाणा निवासी नसीब सिंह ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय गुरुजनों के साथ पिता बखा सिंह और माता पलविंदर कौर को दिया है।
हरविंदर सिंह का शोध विषय “हरियाणे दे लोक नाट-रूप: सर्वेक्षण और विश्लेषण” है और नसीब सिंह का शोध विषय “केवल धालीवाल का नाट्शास्त्र” है।
इस संबंध में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (HPCU) के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि विभाग के दो शोधार्थियों का एक ही समय में सरकारी शिक्षक के रूप में चयन होना केंद्रीय विश्वविद्यालय और विभाग के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है।
इन कर्मठ शोधार्थियों का शिक्षक के रूप में चयन होने से विश्वविद्यालय के अन्य शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस अवसर पर अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार सहित पंजाबी एवं डोगरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बृहस्पति मिश्र, संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र कुमार जी और पंजाबी एवं डोगरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. नरेश कुमार और डॉ. हरजिंदर सिंह ने शोधार्थियों को बधाई दी और उनके बेहतर भविष्य की कामना की।
प्रवेश परीक्षा में अपीयर हुए छात्रों की होगी काउंसलिंग
शिमला। बीएड कॉलेजों में एडमिशन से वंचित रहे छात्रों के लिए बढ़िया खबर है। इन छात्रों के पास अभी भी एडमिशन लेने का मौका है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और मंडी विश्वविद्यालय के संबद्ध बीएड कॉलेजों में खाली रही सीटों को भरने के लिए फिर से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए 4 दिसंबर (सोमवार) से आवेदन के लिए पोर्टल खोला जाएगा।
पोर्टल के माध्यम से बीएड की प्रवेश परीक्षा-2023 में अपीयर हुए छात्र काउंसलिंग के लिए आवेदन कर सकेंगे। विवि की एचपीयू की बीएड प्रवेश एवं काउंसलिंग कमेटी उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मंडी के ब्लूमस बीएड कॉलेज की 100 सीटों का आवंटन भी करेगा। कॉलेज में अस्थायी रूप से सीट आवंटन और प्रवेश दिया जाएगा, चूंकि कॉलेज का बीएड का मामला न्यायालय के विचाराधीन है। न्यायालय का फैसला पर अस्थायी प्रवेश को स्थायी किया जा सकेगा।
कुल मिलाकर करीब 140 सीटों का आवंटन किया जाना है। आवेदन की प्रक्रिया 6 दिसंबर बुधवार तक जारी रहेगी। वीरवार को खाली सीटों के लिए ऑफलाइन काउंसलिंग होगी। डीएस प्रो बीके शिवराम ने कहा कि ब्लूमस बीएड कॉलेज के लिए सशर्त अस्थायी रूप से सीट आवंटित की जाएगी। न्यायालय के फैसले के बाद सीटों पर स्थायी रूप से प्रवेश दिया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि बीएड की मैनेजमेंट कोटा की 660 सीटों पर कॉलेज स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसको लेकर विवि अलग से बीएड कॉलेजों को शेड्यूल तय कर जारी करेगा। मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए भी प्रवेश परीक्षा में अपीयर हुए और न्यूनतम प्राप्तांक की शर्त को पूरा करने वाले छात्र ही पात्र होंगे।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) के धौलाधार परिसर एक में वीरवार को इसरो (ISRO) हैदराबाद और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में वायुमंडलीय तड़ित संसूचन प्रणाली (Atmospheric Lightning Detection System) का उद्घाटन कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने किया।
इस मौके पर कुलपति ने कहा कि यह परियोजना इसरो-हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रभावोत्पादक शोध की दिशा में एक मील का पत्थर है। आज इस वैश्विक परियोजना का हिस्सा बनना हमारे विश्वविद्यालय के लिए एक अनमोल क्षण है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले इसरो (ISRO) ने यह निर्णय लिया था कि कुछ इस तरह के सिस्टम हिमालय रेंज में इंस्टॉल किए जाएंगे। खुशी इस बात की है कि इसरो ने हमारे केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला में एटमॉस्फेरिक लाइटनिंग डिटेक्शन सिस्टम इंस्टॉल करने का फैसला लिया है।
पर्यावरण विज्ञान विभाग में कार्यरत प्रो. दीपक पंत के माध्यम से यह प्रोजेक्ट हमें मिला है। यह प्रोजेक्ट केवल एक-दो वर्ष के लिए नहीं बल्कि आने वाले 15-20 साल के लिए है।
जैसे, आपने अभी देखा होगा कि पहले कहीं-कहीं कुल्लू में बादल फटने की घटना सुनने को मिलती थीं, लेकिन इस वर्ष पूरा पर्यावरण असंतुलित हुआ था। उन्होंने कहा कि बादल फटने की घटना हमने शिमला, धर्मशाला, मंडी और सिरमौर के साथ-साथ देश के अन्य भागों में भी देखीं।
इस तरह के असंतुलन के कारण वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड का उत्पादन हो रहा है, उसके कारण ओजोन लेयर को क्षति हो रही है। इस सारी प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए यह सिस्टम यहां इंस्टॉल किया गया है।
यह पूरे विश्व स्तर का डाटा इकट्ठा करेगा। इस तरह की कुछ रिसर्च पहले से भी हो रही है और आगे भी हम इसमें आगे बढ़ेंगे, जिससे इसके कारणों का पता लग सके।
इसके साथ, अगर कोई ऐसी संभावनाएं बनेंगी और हमें लगेगा इस तरह का आगे आने वाले समय में और असंतुलन होने वाला है तो उसके लिए इसरो के साथ मिलकर पहले से सावधानियां सुझाई जाएंगी, इसरो के साथ मिलकर काम भी किया जाएगा।
मैं प्रो. दीपक पंत और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं। यह जो सिस्टम इंस्टॉल होने जा रहा है, बहुत लाभदायक होगा न केवल हिमाचल के लिए बल्कि पूरे देश की हिमालयन रेंज के लिए।
इस मौके पर उनके साथ प्रो. प्रदीप कुमार अधिष्ठाता अकादमिक, प्रो. राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता, भौतिकी एवं पदार्थ विज्ञान सकूल, प्रो. ओएसकेएस शास्त्री, निदेशक इनक्यूबेशन सेंटर (उद्भव केंद्र), प्रो. दीपक पंत, इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष, परिसर निदेशक प्रो. मनोज कुमार सक्सेना कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे। इस मौके पर इसरो साइट से डॉ. आलोक ताओरी भी ऑनलाइन माध्यम से मौजूद रहे।
शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा जाएगा विदेश
शिमला। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ साल पहले तक दूसरे स्थान पर रहने वाले हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग 13वें स्थान से अब 17वें स्थान पर पहुंच गई है। यानी हिमाचल में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। प्रदेश में जगह-जगह कम दूरी पर स्कूल खुलने, रट्टा अधिक लगने और यू डाइस डाटा सही तरीके से न भरने से रैंकिंग में कमी दर्ज हुई है। परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2021-22 की रिपोर्ट के बाद अब सरकार भी जागी है शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है।
सरकार अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई का तरीका बदलने वाली है। प्रदेश के स्कूलों में अब छात्र पहली कक्षा से ही इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई करेंगे। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में चार इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का वादा किया था जिसमें सरकार ने कुछ बदलाव किया है। सरकार ने 10-15 किलोमीटर के दायरे में सुविधायुक्त स्कूल देने और परिणाम बढ़ाने पर फोकस करने का भी फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल में इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है। पांचवीं कक्षा के बच्चे तीसरी कक्षा का सिलेबस नहीं पड़ पा रहे हैं यह बहुत चिंताजनक है। ऐसे में सरकार अगले शैक्षणिक सत्र में शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार लाने के लिए काम करने वाली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सातवीं गारंटी हिमाचल में चार अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की थी जिसमें बदलाव करते हुए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक स्कूल में पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करवाने का फैसला किया है। इसके साथ ही ड्रेस कोड भी स्कूल स्तर पर लागू करने की घोषणा की गई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूर्व सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि हिमाचल की स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार ने तो 900 संस्थान खोल दिए थे जिनमें अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए प्रदेश सरकार के पास साधन नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये भी कहा कि प्रदेश के शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेशों में भेजा जाएगा। इसके साथ ही विद्या समीक्षा केंद्र डेटाबेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगा। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था किस तरह से चलेगी और प्रदेश में शिक्षा का स्तर कैसा होगा इसकी समीक्षा करने के बाद विद्या समीक्षा केंद्र डेटाबेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शिक्षण संस्थाओं को निर्देश दिया जाएगा।