शिमला। हिमाचल के शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र में सड़क हादसे में दादा-पोते की मौत हुई है। साथ ही 6 लोग घायल हैं। घायलों का इलाज रोहड़ू अस्पताल में चल रहा है। हादसा रविवार को हुआ है।
बता दें कि गुजंदली तहसील टिक्कर के 8 लोग बोलेरो में सवार होकर नारायण मंदिर जा रहे थे। च्रोट कैंची टिक्कर में चालक बोलेरो से नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से दो तीन पलटे खाते खेत में गिर गई।
हादसे के बाद घायलों को अस्पताल ले जाया गया। बहादुर सिंह (65) पुत्र बोखल राम गांव गुजंदली तहसील टिक्कर व उनके पोते अक्षत (10) पुत्र कांशी राम की अस्पताल जाते मौत हो गई। हादसे में 6 लोग घायल हुए हैं।
मामले की सूचना मिलने के बाद हिमाचल के शिमला जिला पुलिस स्टेशन रोहड़ू के तहत पड़ती पुलिस चौकी टिक्कर की टीम मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने के लिए चार करोड़ की घोषणा
चुवाड़ी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा से चुवाड़ी जोत टनल की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने के लिए चार करोड़ रुपए मंजूर करने घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जोत टनल समय के अनुसार बनेगी। पहले डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके बाद टनल का निर्माण कार्य शुरू होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह घोषणा चुवाड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि भटियात के विधायक और विधानसभा स्पीकर व चंबा के विधायक नीरज नैय्यर जोत टनल की मांग उठाते रहे हैं। कहते हैं कि चंबा से चुवाड़ी के लिए चार घंटे का टाइम लग जाता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों की इसी समस्या का हल करने हम आए हैं। इसलिए जोत टनल की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए चार करोड़ रुपए मंजूर करने की घोषणा करता हूं।
बता दें कि चुवाड़ी से चंबा के लिए जोत टनल की मांग काफी पुरानी है। अभी चुवाड़ी वाया जोत चंबा पहुंचने के लिए करीब 55 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सर्दियों में जोत मार्ग बंद होने से वाया बनीखेत होकर चंबा जाना पड़ता है। इससे करीब 110 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
चुवाड़ी से चंबा वाया जोत सुरंग का निर्माण होने से चुवाड़ी से चंबा की दूरी लगभग आठ किलोमीटर रह जाएगी। चुवाड़ी ही नहीं बल्कि हिमाचल के अन्य जिलों, पठानकोट आदि से चंबा जाने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी। उनका न केवल समय बचेगा, बल्कि पैसों की भी बचत होगी।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में चंबा-साहो मार्ग पर लैंडस्लाइड हुआ है। बालू पुल के पास पहाड़ी दरकी है। लैंडस्लाइड से मार्ग बंद हो गया है। मार्ग बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पहले पहाड़ी से कुछ मलबा सड़क पर गिरा। इससे राहगीरों को लैंडस्लाइड होने का आभास हो गया और लोग रुक गए। इसके कुछ देर बाद ही पूरी पहाड़ी दरक कर सड़क पर आ गिरी। सड़क पर भारी मलबा गिरने के चलते मार्ग बहाली में समय लग सकता है।
चंबा। हिमाचल के जिला चंबा के युवाओं के लिए नौकरी का सुनहरा मौका है। जिला रोजगार कार्यालय बालू चंबा द्वारा कैंपस इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है।
कैंपस इंटरव्यू के माध्यम से एसआईएस इंडिया लिमिटेड बिलासपुर निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के 120 पदों को हिमाचल और चंडीगढ़ में भरा जाएगा। यह जानकारी जिला रोजगार अधिकारी चंबा द्वारा दी गई है।
7 मार्च, 2024 को मॉडल करियर सेंटर कम जिला रोजगार कार्यालय बालू चंबा में सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस ई सर्विसेज इंडिया लिमिटेड शाह तलाई द्वारा सिक्योरिटी गार्ड के पदों के लिए इंटरव्यू होंगे।
आवेदन के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास या उससे अधिक होनी चाहिए। केवल पुरुष आवेदक आवेदन कर सकते हैं। आवेदक की उम्र 19 से 37 वर्ष होनी चाहिए।
पंजीकरण के लिए उन्हें विभागीय वेबसाइटeemis पर लॉग इन करना होगा। प्रत्येक आवेदक को अपनी अलग लॉग इन आईडी बनाने के उपरांत ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा।
आवेदक शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, रोजगार कार्यालय का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि लेकर निर्धारित तिथि और स्थान पर सुबह 11:00 बजे उपस्थित हो जाएं।
अधिक जानकारी के लिए 01899222209 नंबर पर संपर्क करें।
चंबा। हिमाचल प्रदेश में मौसम खराब है। लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी के चलते चंबा जिला में कई मार्ग बंद हैं। ताजा अपडेट के अनुसार जिला चंबा में कौन से रोड बंद हैं और कौन से सुचारू हैं उनकी जानकारी आपको दे रहे हैं विस्तार से …
ये जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंबा द्वारा साझा की गई है। किसी भी आपातकाल की स्थिति में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जिला चंबा को 018 99 226950 या 226951 या टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
शिमला। हिमाचल में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
हर्ष महाजन को कांग्रेस की सेवा का फल मिला और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नजदीकियों का फायदा यह कहना गलत न होगा। वहीं, भाजपा का मास्टर स्ट्रोक भी काम आया है।
हर्ष महाजन का लंबा अरसा कांग्रेस में बीता है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास नेताओं में माना जाता था। वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार भी रहे हैं।
हर्ष महाजन चंबा सदर से तीन बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे हैं। हर्ष महाजन ने कांग्रेस की टिकट पर 1993 में चंबा सदर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 1998, 2003 में भी वह विधायक रहे।
वर्ष 2007 के चुनाव में उन्होंने इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया। उनके इस फैसले से उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा। वहीं, अन्य लोगों को भी इस फैसले ने हैरान किया।
2007 के बाद हर्ष महाजन ने कोई चुनाव नहीं लड़ा। चुनाव न लड़ते हुए हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ साये की तरह रहे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम सांस तक हर्ष महाजन उनके साथ रहे।
वीरभद्र सिंह के अच्छे और बुरे वक्त में हर्ष महाजन उनके साथ हमेशा खड़े रहे।
हर्ष महाजन चुनावी प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के शिमला ग्रामीण और अर्की विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा भी हर्ष महाजन ने ही संभाला था।
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में भी सत्ता का केंद्र बदला। वहीं, हिमाचल में भी सत्ता बदली। सत्ता बदलने के बाद हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा।
हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। भाजपा के 25 और तीन आजाद हैं। राज्यसभा चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को 34-34 मत मिले। पर्ची से विजेता का ऐलान हुआ। इसमें कांग्रेस के छह मत कम हुए।
भाजपा को तीन निर्दलीय और 6 कांग्रेस विधायकों का साथ मिला। इससे साफ है कि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हुई है। 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा प्रत्याशी को मत डाला है।
बताया जा रहा है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने क्रॉस वोटिंग की है।
सबको पता है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर और इंद दत्त लखनपाल को भी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह गुट का माना जाता है। वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के करीबियों में जाने जाते थे। सुधीर शर्मा के पिता बैजनाथ के पूर्व विधायक संत राम वीरभद्र सिंह के घनिष्ठ मित्रों में थे।
ऐसे में वीरभद्र सिंह के कटर समर्थक रहे हर्ष महाजन को वीरभद्र सिंह के कटर समर्थकों का मत जाना स्वाभाविक था। कहीं न कहीं यह नजदीकियां हर्ष महाजन के काम आई हैं।
इसी के चलते देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा का मत भी उन्हें मिला। कांग्रेस की अंतर्कलह ने इस मुकाम को और आसान कर दिया। क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद वीरभद्र गुट कहीं न कहीं हाशिए पर है। हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह कई बार सरकार को चेता चुकी हैं।
भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हर्ष महाजन को राज्य सभा प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया था। कहीं न कहीं भाजपा ने भी हर्ष महाजन की कांग्रेस की नजदीकियों को भुनाया है।
हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा ने कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह का फायदा उठाया, वहीं सुक्खू सरकार की कुर्सी हिलाने का भी दाव खेला। कहीं न कहीं भाजपा का मास्टर स्ट्रोक काम आया है। हर्ष महाजन की जगह अगर भाजपा का और कोई पुराना नेता होता तो परिणाम ऐसा न होता।
कहीं न कहीं राज्यसभा के लिए हिमाचल से बाहरी प्रत्याशी देना भी कांग्रेस को भारी पड़ा है। ऐसा कहा जा सकता है कि प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, बल्कि हाईकमान ने थोपा था।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला के भरमौर क्षेत्र के खणी-गरीमा मार्ग पर भूस्खलन के चलते डंगे के निर्माण में लगे एक मजदूर की दबने से मौत हो गई है। वहीं, दो मजदूर घायल हुए हैं। घायल मजदूरों को मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर किया गया है।
बता दें कि घटना आज दोपहर की है। खणी-गरीमा मार्ग पर सड़क के डंगे का निर्माण कार्य चला हुआ था। अचानक वहां भूस्खलन हो गया। भूस्खलन से डंगा खिसक गया।
दिपेंद्र पुन पुत्र नर बहादुर निवासी खणी पत्थरों और मलबे की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। दो घायल हुए हैं। घायलों को मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर किया गया है।
मामले की सूचना भरमौर पुलिस स्टेशन में दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान भी दर्ज किए।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में दर्दनाक हादसा हुआ है। चंबा-जोत मार्ग पर कुट नाला के पास एक कार गहरी खाई में जा गिरी।
हादसे में दो युवकों की मौत हो गई, जबकि तीन युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को चुवाड़ी अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
मृतकों की पहचान रविंद्र सिंह राणा व साहिल निवासी मलिकपुर, पठानकोट के तौर पर हुई है।
वहीं, कुलदीप कुमार पुत्र लाल चंद व नरेंद्र शेट्टी पुत्र ओमप्रकाश दोनों निवासी गांव नुरोट मेहरा सारना पठानकोट व रोहित पुत्र प्रकाश चंद निवासी मलकापुर पठानकोट गंभीर रूप से घायल हैं।
जानकारी के अनुसार, ये पांचों युवक शुक्रवार को कार (PB 35AG 1159 ) में जोत घूमने के लिए गए थे। देर शाम जोत की तरफ से वापस पठानकोट की ओर जा रहे थे तभी तलाई गांव के कुट नाले समीप गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में लगभग 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी।
इस दौरान दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और चुवाड़ी पुलिस को भी हादसे की सूचना दी गई।
पुलिस टीम मौके पर पहुंची जिसके बाद खाई में लापता रविंद्र और साहिल को तलाशने का कार्य आरंभ किया। देर रात पुलिस टीम ने ग्रामीणों की मदद से शवों को खाई से निकाला और सिविल अस्पताल चुवाड़ी पहुंचाया। शवों को शव गृह में रखवा गया वहीं, घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद टांडा रेफर किया गया।
चुवाड़ी पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए हैं। वहीं, परिजनों ने प्रशासन की तरफ से फौरी राहत को लेने से इनकार कर दिया। पुलिस अधीक्षक चंबा अभिषेक यादव ने मामले की पुष्टि की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में चंबा-जोत सड़क मार्ग पर सफर किसी खतरे से कम नहीं है। वैसे ही सड़क मार्ग संवेदनशील मार्गों में शामिल है, उस पर मलबे ने सड़क पर कब्जा कर रखा है। इसके कारण और खतरा पैदा हो गया है।
बता दें कि बरसात में लैंडस्लाइड के चलते मलबा सड़क पर गिरा था। हालांकि, मलबे को हटाकर सड़क तो आवाजाही के लिए सुचारू कर दी थी, लेकिन सड़क किनारे मलबा अभी भी वैसे ही पड़ा है।
चंबा से खजियार गेट तक की सड़क मलबे के ढेर न उठाए जाने के कारण कई स्थानों पर बेहद तंग हो चुकी है, जिस वजह से राहगीरों को परेशानी हो रही है। कुछ एक स्थानों पर तो बड़े-बड़े पत्थर गिरे हैं, लेकिन मात्र बस निकल जाए उतना रास्ता साफ करके विभाग ने इतिश्री कर ली है।
जिलावासियों संजय कुमार, हरीश शर्मा, नितिन शर्मा, साहिल वशिष्ठ, पवन कुमार और प्रदीप सिंह ने कहा कि इस सड़क पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। फिर भी पर्याप्त मात्रा में क्रैश बैरियर और पैरापिट्स की कमी है।
इसके अलावा सड़क के उक्त भाग के सुधारीकरण की भी आवश्यकता है, क्योंकि मार्ग पर अब ट्रैफिक भी बढ़ चुकी है। सर्दियों में भी 7 या 8 दिन ही मार्ग बंद रह रहा है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग से मलबे उठवाने की मांग की है, ताकि राहगीरों को परेशानी न हो।
अग्निवीर भर्ती में इस बार कुछ नए नियम हुए हैं लागू
पालमपुर। अग्निवीर भर्ती में इस बार कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। नए नियमों की बात करें तो अग्निवीर लिपिक व स्टोर कीपर तकनीकी के जगह अग्निवीर कार्यालय सहायक/एसकेटी की कैटेगरी में भर्ती होगी।
अग्निवीर ऑफिस असिस्टेंट/एसकेटी के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए टाइपिंग टेस्ट ऑनलाइन सीईई के दौरान किया जाएगा, जिसमें परीक्षण के दौरान अंग्रेजी में 30 शब्द प्रति मिनट (डब्ल्यूपीएम) वांछनीय हैं। केवल वे उम्मीदवार जो टाइपिंग टेस्ट उत्तीर्ण करेंगे वे भर्ती प्रक्रिया के चरण- II के लिए बुलाए जाने के पात्र होंगे।
अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सीईई अभ्यास परीक्षण और टाइपिंग अभ्यास परीक्षण का नमूना भारतीय सेना के अधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध हैं ।
शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण (पीएफटी) और शारीरिक माप परीक्षण (पीएमटी) उत्तीर्ण करने वाले सभी उम्मीदवारों को प्रचलित नीति के अनुसार अनुकूलनशीलता परीक्षण (Adaptability test) देना होगा।
अनुकूलनशीलता परीक्षण उन उम्मीदवारों के चयन के लिए है, जो भारतीय सेना के वातावरण के अनुकूल हो सकते हैं और सैन्य जीवन की चुनौतियों को अपनाने में सक्षम हैं।
एडेप्टेबिलिटी टेस्ट (Adaptability Test) उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार मेडिकल और आगे की भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होंगे, जो उम्मीदवार अनुकूलनशीलता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करेंगे, उन्हें भर्ती प्रक्रिया में आगे भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अनुकूलनशीलता परीक्षण की अवधि के लिए उम्मीदवारों को अपने स्मार्ट फोन ले जाने की अनुमति होगी। इस बार शारीरिक मानकों में छूट केवल स्पोर्टसमैन, अधिसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति एवं भारतीय गोरखा अभ्यर्थियों को ही मिलेगा।
क्या होता है अनुकूलनशीलता परीक्षण
अनुकूलनशीलता परीक्षण यानी एडेप्टेबिलिटी टेस्ट टेस्ट एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक परीक्षण होता है। पहले सेना में सिर्फ अधिकारियों की भर्ती में ही ऐसा होता था। अब अग्निवीर बनने के लिए भी एडेप्टेबिलिटी टेस्ट टेस्ट को शामिल किया गया है।
शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण (पीएफटी) और शारीरिक माप परीक्षण (पीएमटी) उत्तीर्ण करने वाले सभी उम्मीदवारों में सफल उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में मोबाइल (स्मार्टफोन) ले जाने की अनुमति होगी।
इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर लिंक भेजा जाएगा। लिंक में एडेप्टेबिलिटी टेस्ट के 50 प्रश्न होंगे और 50 अंक का होगा। इसमें सफल अभ्यर्थी ही मेडिकल टेस्ट के लिए पात्र होंगे। इस टेस्ट का उद्देश्य अभ्यर्थियों का मानसिक स्तर जानना होता है।
अभ्यर्थी का मानसिक स्तर सेना के लायक है या नहीं। यह देखा जाता है कि अभ्यर्थी सेना के जोखिम, सेना की जिम्मेदारी और सेना के कार्य को समझते हैं या नहीं।
कांगड़ा-चंबा के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुरू
अग्निपथ योजना के तहत कांगड़ा और चंबा के अभ्यर्थियों के लिए अग्निवीर भर्ती 2024-25 के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 13 फरवरी यानी आज से शुरू हो गई है। आवेदन 22 मार्च, 2024 तक किए जा सकेंगे।
सेना भर्ती कार्यालय, पालमपुर के भर्ती निदेशक कर्नल मनिष शर्मा (सेना मेडल) ने प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया कि अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में आयोजित की जाएगी।
प्रथम चरण में ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा होगी। यह ऑनलाइन सीईई 22 अप्रैल 2024 से शुरू होगा। दूसरे चरण में शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण (पीएफटी), शारीरिक माप परीक्षण (पीएमटी) और चिकित्सा परीक्षण किया जाएगा।
कांगड़ा और चंबा जिला के उम्मीदवारों के लिए अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी), अग्निवीर (तकनीकी), अग्निवीर कार्यालय सहायक/स्टोर कीपर तकनीकी, अग्निवीर ट्रेड्समेन 10वीं पास और अग्निवीर ट्रेड्समेन 8वीं पास वर्गों के लिए अधिसूचना जारी की गई है।
इच्छुक उम्मीदवार अपना पंजीकरण भारतीय सेना के अधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर कर सकते हैं।
सभी आवेदकों को सलाह दी जाती है कि ऑनलाइन आवेदन करने से पहले अधिसूचना को अच्छी तरह से पढ़ें और योजना के बारे में भर्ती प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें।
उन्होंने सभी अभ्यार्थियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह की भर्ती संबंधित अफवाह पर ध्यान न दें और भर्ती के दौरान दलालों से सावधान रहें। यदि किसी प्रार्थी को फार्म भरने में समस्या आती है तो वे आर्मी की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं अथवा सेना भर्ती कार्यालय पालमपुर में भी निजी तौर पर संपर्क किया जा सकता है।