धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में दो महीने से एडवेंचर एक्टिविटी पर लगे प्रतिबंध अब हट गए हैं यानी आज से पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग का रोमांच शुरू हो गया है । ये प्रतिबंध 15 सितंबर तक था। कांगड़ा जिला में स्थित वर्ल्ड क्लास पैराग्लाइडिंग साइट पर आज से उड़ान शुरू हो गई हैं।
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बीड़-बिलिंग और धर्मशाला के इंद्रूनाग पैराग्लाइडिंग साइट में आज से
पर्यटक व स्थानीय लोग पैराग्लाइडिंग का लुत्फ ले सकेंगे। बरसात के कारण 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था। दो महीने तक बीड़-बिलिंग व धर्मशाला इंद्रूनाग पैराग्लाइडिंग साइट पर कोई पैराग्लाइडिंग नहीं हो पाई।
इसके अलावा मनाली सहित अन्य साइट पर भी उड़ान पर प्रतिबंध रहा। हालांकि अभी तक पूरी तरह से मौसम खुला नहीं है, लेकिन औपचारिक तरीके से यह साइट आज आकाश में उड़ान के लिए खुल गई हैं। अभी तक बीड़ बिलिंग घाटी को बादलों ने घेरा है। यहां इंद्रू नाग पैराग्लाइडिंग साइट पर भी बादल हैं। ऐसे में सितंबर माह में पैराग्लाइडिंग छिटपुट ही हो सकेगी। अक्टूबर माह में पर्यटकों की तादाद बढ़नी शुरू हो जाती है उस समय हवा में अठखेलियों का रोमांच चरम पर होगा।
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पैराग्लाइडिंग की एक उड़ान में प्रति व्यक्ति से 1500 रुपये लिए जाते हैं। पायलट अपने साथ एक पर्यटक को पैराग्लाइडर में बिठाता है और टेक ऑफ बोर्ड से लैंडिंग साइट पहुंचने तक करीब 20 से 30 मिनट हवा में सैर करवाता है। जिला कांगड़ा में 350 पायलटों ने पर्यटन विभाग से उड़ान भरने का लाइसेंस प्राप्त किया है।
जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं कि कोई भी पैराग्लाइडर बिना लाइसेंस के पैराग्लाइडिंग नहीं कर सकेगा। जुर्माने का प्रावधान प्रशासन ने किया है। वहीं, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पैराग्लाइडर ही फ्लाइंग कर सकेगा। साथ ही ब्यास नदी की लहरों के बीच रिवर राफ्टिंग का रोमांच भी शुरू होगा।
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हालांकि अभी तक इसके लिए प्रशासन की ओर से आदेश जारी नहीं हुए हैं। जिला कुल्लू में सबसे ज्यादा राफ्टिंग होती है। यहां पर पांच सौ से अधिक राफ्टर हैं जो इस रोमांच के लिए नदी में उतरते हैं।