शास्त्रों के हिसाब से किसी भी देवी की ज्यादा मूर्तियां हैं वर्जित
अक्सर हम घर के मंदिर में बिना सोचे समझे देवी-देवताओं की मूर्तियां इकट्ठी कर लेते हैं जो कि एक गलत इफेक्ट देती हैं। शास्त्रों में घर के मंदिर में देवी-देवताओं की संख्या के बारे में वर्णन मिलता है। वास्तु के अनुसार ही आपको घर में मूर्तियां रखनी चाहिए तभी आपको इसका फायदा मिलेगा। शास्त्रों के हिसाब से किसी भी देवी की ज्यादा मूर्तियां वर्जित हैं। हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं ।
सौम्य रूप वाली मूर्ति– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक घर के मंदिर में किसी भी भगवान की सिर्फ सौम्य रूप वाली मूर्तियां ही रखी जानी चाहिए। भगवान शिव की नटराज रूप वाली मूर्ति, मां दुर्गा की कालरात्रि स्वरूप वाली मूर्ति आदि को घर के मंदिर में न रखें।
गणेशजी– घर में मंदिर की बात आते ही सबसे पहले मन में गणेशजी हो आते है। घर के मंदिर गणेश जी की 3 मूर्तियां होना अशुभ है इसलिए इसमें एक गणेशजी बढ़ाएं या घटाएं। इसके अलावा गणेशजी की पीठ भी घर के बाहर की ओर जानी चाहिए, अगर ऐसा नहीं हो सकता तो गणेश के पीछे वाली दीवार पर एक गणेशजी और लगा दें।
मां दुर्गा या अन्य देवियों की मूर्ति– अब देवियों की बात करें तो घर के मंदिर में मां दुर्गा या अन्य किसी देवी की मूर्तियों की संख्या 3 नहीं होनी चाहिए। आप चाहें तो घर के मंदिर में देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी इन सबकी 2 या 4 मूर्तियां रख सकते हैं।
शिवलिंग – हालांकि शिवलिंग को घर में स्थापित करने को मना किया जाता है, लेकिन फिर भी यदि घर में शिवलिंग है तो एक ही होना चाहिए और वो भी अंगूठे के आकर का। एक से ज्यादा शिवलिंग अत्यधिक ऊर्जा देता है जो कि एक नार्मल व्यक्ति के लिए झेलना बहुत मुश्किल है।
हनुमान जी की मूर्ति– घर के पूजा घर में शिवलिंग की ही तरह हनुमान जी की मूर्ति भी एक ही होनी चाहिए और कोशिश करें कि आप खड़े हनुमान जी की जगह घर के मंदिर में बैठे हुए हनुमान जी की मूर्ति रखें। घर के अन्य किसी भी हिस्से में हनुमान जी की मूर्ति न रखें। इसकी जगह आप चित्र लगा सकते हैं ।