कालेजों में ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने की भी मांग
शिमला। हिमाचल की शिक्षा में ज्वलंत मुद्दे के रूप में हर छात्र और हर युवा में ट्रेंड कर रहे स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कोटा को फिर से लागू करने को लेकर आज एबीवीपी (ABVP) ने उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला में कार्यालय के बाहर शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। एबीवीपी के प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में 26 जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें सरकार और शिक्षा विभाग ने “स्पोर्ट्स एंड कल्चरल” कोटा को खत्म कर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है। एबीवीपी इस निर्णय का कड़े शब्दों में निंदा करती है।
यह भी पढ़ें :- जयराम बोले-कांग्रेस सिफ़र और हम शिखर की ओर, टोपी की राजनीति की खत्म
इस दौरान विशाल वर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व के सभी देश खेल को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं और भारत सरकार भी खेल के क्षेत्र में नए-नए आयाम और प्रतिदिन नए-नए प्रयोग कर रही है, ताकि विश्व में खेल के क्षेत्र के देश का नाम रोशन हो सके और युवाओं का सर्वांगीण विकास हो सके। वर्तमान में टोक्यो ओलंपिक में विश्व के सामने भारत देश का नाम रोशन कर रहे हिमाचल प्रदेश के भी युवा हैं, जो सभी प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे समय खेल को और अधिक बढ़ावा देने के बजाय शिक्षा क्षेत्र में स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कोटा को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण है और प्रदेश के हजारों खिलाड़ी इस निर्णय से हताश हैं।
विशाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निदेशक के तौर पर ऐसे ऊंचे पद पर ऐसे अधिकारी को पदभार दिया गया है, जो न छात्रों से बात करना चाहते हैं और न ही उन्हें छात्रों के भविष्य की चिंता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि उनका रवैया छात्रों के प्रति एकदम नकारात्मक है, जिसका परिणाम इस प्रकार के छात्रविरोधी निर्णयों को लेने के बाद स्पष्ट होता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन और सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि यदि महाविद्यालय में चल रहे प्रवेश में “स्पोर्ट्स एंड कल्चरल” कोटा फिर से लागू नहीं किया गया तो आम छात्रों को लामबंद करते हुए प्रदेश के हर महाविद्यालय में आंदोलन को तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से विभाग द्वारा दाखिले देने का फरमान दिया गया है जिस कारण अधिकांश क्षेत्रों में छात्रों को बरसात के दौरान घर दूर पहुंचकर कैफे में फॉर्म भरना पड़ता है, लेकिन दूर कैफे में पहुंचने के बावजूद भी ऑनलाइन दाखिले की वेबसाइट में आ रही अनियमितताओं के कारण छात्रों को एडमिशन के बिना ही हताश होना पड़ रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऑनलाइन व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए और साथ में प्रत्यक्ष तौर पर भी दाखिले का माध्यम सुनिश्चित किया जाए।