विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लाहौल घाटी में बारिश से मची तबाही के लिए आपदा प्रबंधन राशि में से 10 करोड़ रुपए राहत राशि प्रदान करने की घोषणा की है। सड़कों के बंद होने के कारण किसानों की नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए समस्या आ रही है। इसके दृष्टिगत उदयपुर तिंदी से सिस्सू तक 2500 से 3000 प्रति पिकअप लोड की दर से परिवहन अनुदान प्रदान करने की भी घोषणा की है। इसका भुगतान संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार किया जाएगा। यह परिवहन अनुदान घाटी में सड़क सुविधा सुचारू होने तक प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लाहौल घाटी में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर अपने वक्तव्य में यह घोषणाएं कीं।
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि गत सप्ताह लाहौल घाटी में हुई भारी बारिश से जान व माल की भारी श्रति हुई है। किरतिंग व हवाई मोड़ नजदीक गांव हुकम सेरी में भूस्खलन हुआ है। जहालमा नाला, साक्स नाला, चांगुट व उरगोश नाला तथा दारचा शिंकुला सड़क पर दो नालों में भारी बाढ़ आई है। जिससे सड़कों , पुलों , पेयजल व सिंचाई योजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। तोंजिंग नाला में भारी बाढ़ आने से 7 लोगों की जान चली गई है वहीं तीन लोग अभी भी लापता हैं तथा दो घायल लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जिला में 8 सड़कों व पुलों को तथा 10 पेयजल योजनाओं व 35 बहाव सिंचाई योजनाओं को भारी क्षति हुई है। लोगों की जमीनें भी बह गई हैं। कृषि एवं बागवानी उत्पाद जिसमें मुख्य नगदी फसलें मटर, आइसबर्ग, फुलगोभी, बंद गोभी, सजावटी फूल आदि को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने स्वयं 31 जुलाई को लाहौल घाटी जाकर नुकसान व राहत कार्यों का जायजा लिया है। पहली अगस्त को हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण भी किया गया है। लाहौल घाटी में फंसे हुए 372 स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से 19 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला गया है। लाहौल घाटी के मुख्य मार्गों में केवल तांदी, संसारी नाला सड़क अवरुद्ध है जिसे बीआरओ द्वारा शीघ्र बहाल करने के प्रय़ास किए जा रहे हैं। मामला वास्तव में बहुत गंभीर है। इस विकट स्थिति में सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रही है। जिला प्रशासन को बाढ़ प्रभावित परिवारों को तुरंत उचित ठहरने के प्रबंध किए जाने तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि सड़कों, पेयजल योजनाओं एवं विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जाए।